मंत्रिमंडल में जब भी फेरबदल होगी, कुछ मंत्रियों का भार हलका किए जाने की खबर है। ध्यान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कई मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं। उनसे कुछ विभाग लिए जाएंगे और कम महत्व के मंत्रालय संभाल रहे कुछ मंत्रियों की जिम्मेदारी बढाई जा सकती है। अश्विनी वैष्णव के पास तीन तीन मंत्रालय हैं। उनसे एक मंत्रालय लिया जा सकता है। रील बनाने के साथ साथ आजकल उन्होंने सरकारी योजनाओं की घोषणा, मंच संचालन या कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते समय बोलने का एक नया तरीका ईजाद किया है। वे आवाज लगा कर चीजें बेचने वालों की तरह बोलते हैं। बहरहाल, उनके पास रेल, सूचना प्रसारण और आईटी मंत्रालय है। इनमें से कोई एक मंत्रालय वे अगली फेरबदल में गंवा सकते हैं। यह भी हो सकता है कि ये तीनों लेकर उनको कोई नया मंत्रालय दिया जाए।
ऐसे ही दो पूर्व मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर के पास दो दो बड़े मंत्रालय हैं। शिवराज सिंह के पास कृषि के साथ साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय है और खट्टर के पास शहरी विकास के साथ साथ ऊर्जा जैसा भारी भरकम मंत्रालय है। इनका बोझ भी कुछ हलका किया जा सकता है। प्रहलाद जोशी और मनसुख भाई मांडविया के पास भी एक से अधिक मंत्रालय हैं। हालांकि उनके मंत्रालय बहुत बड़े नहीं हैं। कहा जा रहा है कि अगली बार फेरबदल होगी तो इन दोनों को ज्यादा महत्व का मंत्रालय मिल सकता है। ऐसे ही मोदी की पिछली सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे गजेंद्र सिंह शेखावत इस बार अपेक्षाकृत कम महत्व के मंत्रालय में हैं। लेकिन अगली फेरबदल में उनको भी कुछ बड़ा काम मिल सकता है।