Wednesday

30-04-2025 Vol 19

एनटीए से कब छुटकारा मिलेगा?

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भारत सरकार ने पिछले कुछ दिनों से ऐसी प्रवृत्ति विकसित कर ली है वह किसी भी चीज को लेकर जज्बाती हो जा रही है। जैसे ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सरकार चला रही भाजपा सभी जज्बाती हो जाते हैं। कोई भी उस पर सवाल उठा दे तो तुरंत सबकी भावनाएं आहत हो जाती हैं।

जेईई मेन्स परीक्षा में गलत सवालों से छात्रों की परेशानी (एनटीए )

यही हाल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए का है। मोदी सरकार ने इसका गठन एक देश, एक परीक्षा के सिद्धांत के तहत किया था। कहा गया था कि दाखिले और नौकरी के लिए सारी प्रतियोगिता परीक्षाएं यह एजेंसी करेगी। हालांकि एजेंसी का कोई ढांचा नहीं बनाया गया। इधर उधर के विभागों से डेपुटेशन पर लाए गए कुछ लोग भाड़े की इमारत में आउटसोर्सिंग के जरिए इसका संचालन कर रहे हैं।

तभी एक के बाद एक परीक्षा में गड़बड़ी होती गई और अंत में एक कमेटी बनाई गई, जिसने अपनी रिपोर्ट में इसे दाखिला परीक्षाओं तक सीमित रखने और कई सुधार करने को कहा। हालांकि दाखिला परीक्षाओं में भी इसकी गलतियों का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताजा मामला इंजीनियरिंग में दाखिले की जेईई मेंस परीक्षा का है।

इस परीक्षा की आंसर शीट एजेंसी ने जारी की है तो पता चला है कि कम से कम नौ सवाल पूरी तरह से गलत हैं। फिजिक्स में चार, केमिस्ट्री में तीन और मैथ्स में दो सवाल तथ्यात्मक आधार पर गलत हैं। इसके अलावा भी चार अन्य सवालों पर गड़बड़ी का संदेह है। सोचें, जिस परीक्षा में एक सवाल के गलत या सही जवाब से हजारों छात्रों की किस्मत का फैसला होता है वहां एजेंसी एक दर्जन सवाल गलत कर दे रही है!

इसके बाद बोनस अंक देने का खेल होगा, जिसमें निश्चित रूप से प्रतिभाशाली छात्रों को नुकसान होगा। इससे पहले सीयूईटी की परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी, नीट परीक्षा में गलत सवाल और आरोपों को संदेहास्पद तरीके से निपटाने को लेकर एजेंसी पिछले साल भी विवादों में थी।

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Pic Credit: ANI

NI Political Desk

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