बिहार की सारण सीट से भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी बड़े नेता हैं। वे सारण में लालू प्रसाद के परिवार से लड़ते हैं और जीतते हैं। उन्होंने राबड़ी देवी को हराया हुआ है। वे 25 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री होते थे। लेकिन पिछले 11 साल के भाजपा राज में उनकी पूछ घटी है। वे थोड़े समय के लिए मंत्री रहे थे लेकिन तब भी ज्यादा महत्व नहीं मिला। वे पिछले 20 साल से कांस्टीट्यूशन क्लब के सेक्रेटरी एडमिन हैं। उन्होंने इस क्लब का कायाकल्प कर दिया है। सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए इस क्लब में पांच सितारा सुविधाएं उन्होंने जुटाई है। अब उनको वहां से भी हटाने की तैयारी है। क्योंकि यह अनायास नहीं है कि भाजपा के ही पूर्व सांसद संजीव बालियान ने उनको चुनौती दी है। ध्यान रहे क्लब के बाकी पदों पर निर्विरोध चुनाव हुआ है। मुकाबला सिर्फ सेक्रेटरी एडमिन के पद के लिए है।
ऐसी चर्चा है कि संजीव बालियान भाजपा के शीर्ष नेताओं खास कर अमित शाह के समर्थन से चुनाव लड़ने उतरे हैं। तभी विपक्षी सांसदों का समर्थन राजीव प्रताप रूड़ी को मिल रहा है। हालांकि रूड़ी का खेमा इस बात का प्रचार नहीं चाहता है क्योंकि ज्यादा प्रचार से नुकसान यह है कि वे विपक्ष के उम्मीदवार मान लिए जाएंगे और तब भाजपा नेताओं का एकमुश्त वोट बालियान के साथ जा सकता है। फिर भी धीरे धीरे इसका प्रचार हो गया है। बालियान से जिनको कोई समस्या नहीं है वैसे विपक्षी नेता भी उनको हराने की बात कर रहे हैं।
इस बीच सोमवार को संसद में एक दिलचस्प घटना हुई। रूड़ी ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी से अपने को वोट देने की अपील की। इस पर कल्याण बनर्जी भड़क गए और कहा कि महुआ मोइत्रा रूड़ी को समर्थन दे रही हैं इसलिए वे उनको समर्थन नहीं देंगे। बनर्जी ने अपने दोस्तों से भी अपील कर दी कि वे रूड़ी के खिलाफ वोट करें क्योंकि महुआ मोइत्रा उनका समर्थन कर रही है। हालांकि तब भी तृणमूल का ज्यादा वोट रूड़ी के साथ ही जाएगा। उनके निजी संबंध भी सभी पार्टियों के नेताओं के साथ हैं।