maharashtra elections : अभी घोषणा नहीं हुई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि जल्दी ही बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी का चुनाव होगा।
भारतीय जनता पार्टी ने और खास कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उनको पता है कि वे तमाम जद्दोजहद के बाद मुख्यमंत्री तो बन गए हैं लेकिन सत्ता बचाए रखने के लिए सिर्फ काम करना पर्याप्त नहीं होगा।
गौरतलब है कि बीएमसी का चुनाव बहुत अहम होता है और पिछले करीब तीन दशक से शिव सेना का कब्जा बीएमसी पर रहा है। उसी का मेयर बनता रहा है। (maharashtra elections)
पिछले कई साल से तो बीएमसी भंग है और राज्य सरकार ही उसे चला रही है। लेकिन भाजपा की मंशा 75 हजार करोड़ रुपए के सालाना बजट वाले बीएमसी को अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में लेने की है। गौरतलब है कि बीएमसी का बजट देश के लगभग आधे राज्यों के सालाना बजट से ज्यादा है।
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फड़नवीस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे (maharashtra elections)
बहरहाल, बीएमसी के चुनाव में इस बार नई लड़ाई की संभावना जताई जा रही है। देवेंद्र फड़नवीस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
वे एकनाथ शिंदे की शिव सेना या अजित पवार की एनसीपी को साथ नहीं रखेंगे क्योंकि इन दोनों पार्टियों का बीएमसी इलाके में कई खास असर नहीं है। (maharashtra elections)
वैसे पिछले कुछ समय से एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे हैं और अपने तेवर भी दिखा रहे हैं। उनको काबू में लाने के लिए ही फड़नवीस ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे की शिव सेना के तीन नेताओं से मुलाकात की।
उनमें उद्धव के करीबी एमएलसी मिलिंद नार्वेकर भी शामिल हैं, जो बार बार भाजपा और उद्धव के एक साथ आने की पैरवी कर रहे हैं। (maharashtra elections)
कहा गया कि ये तीनों नेता बाल ठाकरे के स्मारक के सिलसिले में मिले। लेकिन बात तो वहां राजनीति की हुई। फड़नवीस ने राज ठाकरे से भी मुलाकात की है। वे बीएमसी चुनाव से पहले कुछ नया समीकरण बनाने में भी लगे है।