Maharashtra

  • महाराष्ट्र में 32 सीट लड़ेगी भाजपा

    मुंबई। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टियों के बीच सीटों पर समझौता होने की खबरों के बीच बताया जा रहा है कि भाजपा ने भी गठबंधन की सहयोगी पार्टियों के साथ सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 32 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। असली शिवसेना यानी एकनाथ शिंदे गुट को 10 और असली एनसीपी यानी अजित पवार गुट छह सीटों पर चुनाव लड़ेगा। हालांकि शिंदे और अजित पवार गुट 12 और आठ सीटों पर लड़ने का दावा कर रहे हैं। Lok Sabha election Maharashtra...

  • गांवों में 2014 से पहले अराजकता थी: मोदी

    मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि 2014 में उनके सरकार बनाने से पहले देश के गांवों में अराजकता का माहौल था। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उस समय की सरकार ने इसकी परवाह नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार की शाम महाराष्ट्र के यवतमाल पहुंचे थे, जहां उन्होंने 49 सौ करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया। इसी मौके पर उन्होंने कांग्रेस और उसकी पिछली सरकारों पर हमला किया। PM Narendra Modi प्रधानमंत्री ने बुधवार को ही देश के नौ करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि की 16वीं किस्त भी जारी की। यवतमाल...

  • महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल पर दारोमदार

    भाजपा के 370 सीटों के लक्ष्य के लिहाज से सबसे बड़ा खड्डा महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में हो सकता है। इन तीन राज्यों में लोकसभा की 128 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा ने पिछली बार 76 सीटें जीती थीं। उसकी तब की सहयोगी शिव सेना और कर्नाटक की निर्दलीय उम्मीदवार सुमनलता अंबरीश को जोड़ें तो एनडीए की सीटें 95 हो जाती हैं। इस बार शिव सेना साथ नहीं है तो उसकी भरपाई के लिए भाजपा ने शिव सेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया है तो एनसीपी तोड़ने वाले अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया है। इसके...

  • महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर ‘इंडिया’ की बैठक

    मुंबई। महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पार्टियों की दूसरी बैठक हुई। हालांकि बैठक के बाद ‘इंडिया’ के खत्म हो जाने का बयान देकर प्रकाश अंबेडकर ने विवाद खड़ा कर दिया। बैठक में शामिल वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने बैठक खत्म होने के बाद होटल से नीचे आकर मीडिया से कहा कि ‘इंडिया’ लगभग खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा- राष्ट्रीय स्तर पर कोई ‘इंडिया’ नहीं है। नीतीश कुमार, आप, ममता बनर्जी अलग हो गए हैं। प्रकाश अंबेडकर ने आगे कहा- बची समाजवादी पार्टी, उसने 16 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। हालांकि...

  • जातीय टकराव की ओर?

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • महाराष्ट्र में ट्रक ड्राइवरों का आंदोलन जारी, दूध की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • महाराष्ट्र में सबसे उलझा हुआ मामला

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • महाराष्ट्र में कोविड के नए वेरिएंट जेएन1 के 87 नए मामले, 2 मौतें

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • मुंबई में गुलजार के घर कई दिन रुके थे अभिनेता सैफ अली खान

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • प्रसिद्ध मूर्तिकार उत्तम आर पाचर्णे का निधन

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • भारतीय नौसेना ने विफल की मालवाहक माल्टा जहाज को अगवा करने की कोशिश

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • एनआईए ने महाराष्ट्र-कर्नाटक में 44 ठिकानों पर की छापेमारी

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • नवाब मलिक के ‘अपमान’ को लेकर सुप्रिया सुले ने साधा भाजपा पर निशाना

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • भारत में सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • हंगामे के बाद बागेश्वर बाबा ने संत तुकाराम पर लांछन लगाने के लिए माफी मांगी

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • पुल के ‘अवैध उद्घाटन पर मुंबई पुलिस ने आदित्य ठाकरे पर मामला दर्ज किया

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय की 75 साल की उम्र में निधन

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • महाराष्ट्र में राजनीति और समाज दोनों भंवर में!

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • मुंबई सड़क दुर्घटना में तीन की मौत, 12 घायल

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

  • मुकेश अंबानी को फिर मिली जान से मारने की धमकी

    महाराष्ट्र में जातीय तनाव की आशंका फिर सुलग उठी है। दरअसल, जिन मुश्किलों की वजह कृषि का अलाभकारी होना, रोजगार का अभाव और शिक्षा का गिरता स्तर है, उनका हल कहीं और ढूंढने की कोशिश ऐसी ही स्थिति को जन्म दे सकती है। यह तो साफ है कि आरक्षण अब सामाजिक न्याय या पिछड़े तबकों के लिए प्रगति का रास्ता खोलने वाली नीति से ज्यादा एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक मुद्दा रह गया है। जब ऐतिहासिक रूप से जातीय आधार पर वंचित ना रहे तबके भी आरक्षण मांगने लगें और सरकारें उस मांग को स्वीकार भी करने लगें, तो यही कहा...

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