महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं को नकद पैसे देने की लड़की बहिन योजना को सीमित करना शुरू कर दिया है। सोमवार को उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट पेश किया तो उसमें लड़की बहिन योजना का बजट 10 हजार करोड़ रुपया कम कर दिया गया। चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद वह लड़की बहिन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने मिलने वाली डेढ़ हजार रुपए की राशि को बढ़ा कर 21 सौ रुपया महीना करेगी। लेकिन सरकार ने इस वादे पर भी फिलहाल अमल नहीं करने का फैसला किया है। इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।
इतना ही नहीं हर महीने डेढ़ हजार रुपए देने के लिए भी सरकार बहुत सख्त शर्तें लगा रही है और उन शर्तों का अनुपालन किए बगैर यह राशि लेने वालों की पहचान करके उनका नाम काटा जा रहा है। दिल्ली में भी चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने इसे सीमित कर दिया है। ऐसी शर्तें तय की जा रही हैं कि दिल्ली की 72 लाख महिला मतदाताओं में से ज्यादा से ज्यादा 20 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। ऐसा लग रहा है कि चुनाव जीत कर सरकार बनाने के बाद पार्टियों को समझ में आ रहा है कि चुनाव में वादा करना और सरकार बनाने पर उसे पूरा करना दोनों अलग अलग चीजें हैं। सरकार के लिए वित्तीय अनुशासन ज्यादा अहम है। आने वाले दिनों दूसरे राज्यों में भी ऐसी योजनाओं में कटौती या उनको सीमित करने का प्रयास दिखेगा।