केंद्र सरकार ने अभी तक जनगणना की अधिसूचना जारी नहीं की है। माना जा रहा है कि अगले साल जनगणना हो सकती है और उसमें जातियों की भी गिनती होगी। लेकिन उससे पहले झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद ने अलग सरना धर्म कोड का मामला गरमा दिया है।
तीनों पार्टियों के नेताओं ने रांची में बड़ा प्रदर्शन किया और राजभवन जाकर राज्यपाल संतोष गंगवार को ज्ञापन सौंपा। जेएमएम, कांग्रेस, राजद और लेफ्ट के नेता चाहते हैं कि जनगणना के फॉर्म में अलग सरना कोड का कॉलम दिया जाए। उनका कहना है कि पिछली बार ऐसा कॉलम था और देश में करीब 80 लाख लोगों ने अपने धर्म की जगह सरना लिखवाया था।
गौरतलब है कि आदिवासी समाज अपनी अलग पहचान के लिए हिंदू धर्म से अलग सरना कोड की मांग करता रहा है। बड़ी संख्या में आदिवासी अपने को हिंदू से अलग और सरना कोड वाला मानते हैं। झारखंड में सरना बनाम हिंदू की बहस से भाजपा की हार में बड़ी भूमिका निभाई है।
भाजपा के कई नेता मानते हैं कि दक्षिणी छोटानागपुर के इलाके में चर्च और ईसाई समुदाय ने सरना और ईसाई आदिवासियों को एक बताने का अभियान चलाया है।
बहरहाल, अभी तो यह अभियान झारखंड में चल रहा है लेकिन जल्दी ही ओडिशा और छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश के दूसरे राज्यों में भी यह अभियान शुरू जाएगा। जेएमएम और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार के जनगणना फॉर्म से सरना का कॉलम हटाया जा रहा है।
Also Read: सरना कोड को लेकर झारखंड में उबाल
Pic Credit: ANI