महागठबंधन की तरह सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में भी सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। वहां भी दोनों बड़ी पार्टियां अपनी सीटें छोड़ने पर राजी हो गई हैं। पिछली बार नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू 115 सीटों पर लडी थी और भाजपा 110 सीटों पर। इस बार दोनों एक एक सौ सीटों पर लडऩे के लिए राजी हो गए हैं। हालांकि इसके बावजूद समीकरण बैठाना आसान नहीं दिख रहा है क्योंकि चिराग पासवान किसी हाल में 30 से कम सीट पर लड़ने को राजी नहीं हो रहे हैं। वे अपनी पांच लोकसभा सीटों के हिसाब से कम से कम 30 सीट मांग रहे हैं। परंतु कहा जा रहा है कि उनको 25 सीटों पर मानने का प्रयास चल रहा है। इसके अलावा उनको राज्यसभा सीट का वादा किया जा सकता है। अगले साल अप्रैल में उनकी पार्टी को एक राज्यसभा सीट मिल सकती है।
हालांकि भाजपा और जनता दल यू दोनों में इस बात का विरोध हो रहा है क्योंकि एक राज्यसभा सीट का वादा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा से भी किया गया है। वे अभी राज्यसभा में हैं और उनका कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है। सो, अप्रैल में होने वाले दोवार्षिक चुनाव में उनको फिर से राज्यसभा देने का वादा होगा तभी वे सात या आठ सीट पर मानेंगे। बहरहाल, जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जनता दल यू जुड़वां भाई की तरह होंगे यानी दोनों एक एक सौ सीट पर लड़ेंगे। बची हुई 43 सीटों में से लोजपा रामविलास को 25 सीटें मिलेंगी। इसके बाद जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 10 या 11 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को सात या आठ सीटें मिलेंगी। इस फॉर्मूले में एकाध सीट से ज्यादा ऊपर नीचे होने की संभावना नहीं दिख रही है।