कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पता भी है कि वे क्या कह रहे हैं? उन्होंने मंगलवार को बिहार की एक सभा में कहा कि 2012 में गुजरात में वोट की चोरी हुई थी और यह 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांटीन्यू रहा। सोचें, 2014 में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी, जो 10 साल से चल रही थी। सरकार द्वारा चुने गए वीएस संपत उस समय मुख्य चुनाव आय़ुक्त थे। उन्हीं की देखरेख में 2012 का गुजरात चुनाव भी हुआ था और 2014 का लोकसभा चुनाव भी हुआ था। आंध्र प्रदेश के रहने वाले संपत 2004 से केंद्र की यूपीए सरकार के कई विभागों में सचिव रहे थे। जैसे मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अमित शाह सहित कई मंत्रियों के साथ काम किया वैसे ही संपत ग्रामीण विकास से लेकर केमिकल और ऊर्जा विभाग तक कांग्रेस के कई मंत्रियों के साथ काम कर चुके थे।
अब सवाल है कि क्या कांग्रेस की सरकार द्वारा चुने गए और कांग्रेस के कई मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालय में सचिव के तौर पर काम कर चुके वीके संपत ने भाजपा को वोट चोरी करने दिया? असल में राहुल को उनकी टीम बरगला रही है। जब राहुल ने 2024 के नतीजे पर सवाल उठाया और कहा कि वोट चोरी करके तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है तो भाजपा की ओर से जवाब दिया गया कि मोदी की सर्वशक्तिमान सरकार थी, उनके नियुक्त किए हुए चुनाव आयुक्त थे, मतदाता सूची से लेकर ईवीएम तक सब मैनेज था और उन्होंने वोट चोरी किया तो 303 से घटा कर अपनी सीट 240 कर ली! यह भी कहा गया कि उन्होंने वोट चोरी की तो कांग्रेस की 52 से बढ़ा कर 99 कर दी! सपा की तीन से बढ़ा 37 कर दी! इसके जवाब में यह कहना शुरू हुआ है कि मोदी 2014 से ही वोट चोरी से जीत रहे हैं। यानी उनका जो 282 या 303 था वह भी चोरी का था। लेकिन क्या कोई इस पर यकीन करेगा?