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ठाकरे बंधुओं की बदलेगी रणनीति

ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ठाकरे बंधुओं यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की चुनावी राजनीति बदलेगी। पिछले दिनों एक छोटा चुनाव हुआ, जिसमें दोनों को बड़ा झटका लगा। लंबे समय के बाद दोनों एक साथ आए हैं और बीएमसी सहित कई शहरों में साथ मिल कर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन उससे पहले दोनों की परीक्षा बेस्ट यानी बृहन्नमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई और ट्रांसपोर्ट विभाग की क्रेडिट सोसायटी के चुनाव में होनी थी। ठाकरे बंधु मिल कर लड़े थे और महायुति यानी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी भी लड़े थे। लेकिन बाजी मारी निर्दलीय शरद राव के पैनल ने। 21 सीटों पर चुनाव था, जिसमें शरद राव पैनल ने 14 सीटें जीतीं और महायुति को सात सीट मिली। ठाकरे बंधुओं के पैनल का खाता नहीं खुला।

हालांकि ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि यह बहुत छोटा चुनाव था और इसके नतीजे के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है। इसके बावजूद रणनीति बदलने की चर्चा है। इस नतीजे के बाद राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की। उसके बाद से इस बात की भी चर्चा हो रही है कि ठाकरे बंधुओं की रणनीति देवेंद्र फड़नवीस ही बना रहे हैं। इसका मकसद एकनाथ शिंदे को निपटाना है। गौरतलब है कि अगले तीन महीने में स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं। भाजपा को पहली बार बीएमसी पर अपना कब्जा करना है तो उद्धव ठाकरे को अपने परिवार का कब्जा बनाए रखना है। यह कैसे होगा ये देखना दिलचस्प होगा।

By NI Political Desk

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