punjab elections : कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेता आम आदमी पार्टी की मुश्किलों का राजनीतिक लाभ उठाने के तरह तरह के उपाय कर रहे हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय यह प्रचार है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार गिर जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आप के 30 विधायक उनके यानी कांग्रेस के संपर्क में हैं।
दूसरी ओर भाजपा ने प्रचार शुरू किया है कि दिल्ली में चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल अब पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। (punjab elections)
कहा जा रहा है कि अब वे पंजाब मॉडल की बात करेंगे। दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और वहां उनके हाथ में पुलिस और जमीन नहीं थी। हर फाइल की मंजूरी उप राज्यपाल से लेनी होती थी। लेकिन पंजाब में ऐसा नहीं है। वे वहां अपना मॉडल बना सकते हैं।
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केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री (punjab elections)
लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का प्रयास करने की गलती नहीं करेंगे। उनको पता है कि यह मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
जिस तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों का उभार पंजाब में हो रहा है उसमें सिख के अलावा कोई दूसरा मुख्यमंत्री कबूल नहीं होगा। अगर केजरीवाल ऐसा प्रयास करेंगे तो उनकी पार्टी टूट जाएगी।
यह बात वे जानते हैं। इसलिए वे अपनी पार्टी के नेताओं को भरोसा दिलाएंगे कि भगवंत मान ही मुख्यमंत्री रहेंगे और उनके नेतृत्व में ही दो साल बाद चुनाव लड़ा जाएगा। (punjab elections)
जहां तक 30 विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने की बात है तो यह एक मनोवैज्ञानिक दांव है। पंजाब के सभी 92 विधायक अभी आप के साथ हैं और 30 विधायकों के टूटने से पार्टी नहीं टूटेगी और न सरकार गिरेगी उलटे सबकी सदस्यता खतरे में आएगी।
बहुमत का आंकड़ा 59 का है, जबकि आप के 92 विधायक हैं और ज्यादातर विधायक केजरीवाल की बुलाई मीटिंग में दिल्ली पहुंचे। (punjab elections)