Wednesday

28-05-2025 Vol 19

उपचुनाव की तारीख बदलने का कारण पर्याप्त नहीं

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चुनाव आयोग ने तीन राज्यों की 14 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तारीख बदल दी है। अब इन सीटों पर 13 नवंबर को नहीं, बल्कि 20 नवंबर को मतदान होगा। मतदान का कार्यक्रम तय करना और उसमें बदलाव करना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। लेकिन उसने उपचुनाव में बदलाव का जो फैसला किया है और जिस तरह से चुनिंदा जगहों पर बदलाव किया गया है उससे सवाल उठ रहे हैं। एक तथ्य यह भी है कि चाहे हरियाणा में मतदान की तारीख बदलने का मामला हो या उपचुनाव के कार्यक्रम में बदलाव का मामला हो, दोनों में भाजपा काफी सक्रिय रहे। उसके नेताओं ने ही सबसे पहले चुनाव आयोग से अनुरोध किया, जिसे चुनाव आयोग ने स्वीकार किया। उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर मतदान टालने का तो मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने कड़ा विरोध किया है और दो टूक अंदाज में आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से यह फैसला किया गया है।

बहरहाल, चुनाव आयोग ने केरल की पलक्कड विधानसभा सीट का चुनाव टाल दिया है क्योंकि केरल में कोई त्योहार है। हालांकि चुनाव आयोग ने केरल में ही वायनाड लोकसभा का चुनाव नहीं टाला है। गौरतलब है कि वायनाड में भाजपा लड़ाई में नहीं है लेकिन पलक्कड में वह नजदीकी मुकाबले में है। पिछले दो चुनाव से वह दूसरे स्थान पर रह रही है। पिछली बार यानी 2021 में उसे 35  फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। त्रिकोणात्मक मुकाबले में वह चुनाव जीतने की उम्मीद कर रही है और संयोग देखिए कि वहां प्रचार के लिए एक हफ्ते का और समय मिल गया। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में उपचुनाव टालते हुए कहा कि 15 नवंबर को गंगा स्नान और गुरु नानक देव की जयंती है। क्या यह कोई आधार है चुनाव टालने का? 15 नवंबर को अगर त्योहार है तो 13 नवंबर को मतदान में क्या दिक्कत है? यह तो अच्छा है कि लोग मतदान करके फ्री हो जाएंगे! और अगर यह इतना ही अहम है तो क्या चुनाव आयोग को पहले ही इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए था? चुनाव की घोषणा के बाद तो तय हुआ नहीं कि 15 नवंबर को गंगा स्नान और गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाएगी! गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सभी नौ सीटों पर भाजपा प्रतिष्ठा की लड़ाई में फंसी है और पंजाब में कम से कम एक सीट गिद्दड़बाह पर जीत की उम्मीद कर रही है।

NI Political Desk

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