महाराष्ट्र में चुनाव आयोग को लेकर पहले से विवाद चल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया और साथ ही वोट चोरी करने का आरोप भी लगाया। इस बीच राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारर के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया है। राज्य चुनाव कार्यालय की ओर से कहा जा रहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान तो ईवीएम से होगा लेकिन ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनें नहीं लगाई जाएंगी। इसका मतलब है कि मतदान के बाद कोई पर्ची नहीं निकलेगी और मतदाता यह नहीं देख पाएंगे कि उनका वोट किसको गया। चुनाव आयोग का कहना है कि समय कम है और दूसरे कई पदों के लिए एक साथ वोटिंग होगी इसलिए वीवीपैट मशीनें नहीं लगाई जा सकती हैं।
बताया जा रहा है कि दिवाली के बाद स्थानीय निकाय के चुनाव होंगे। ये चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो रहे हैं अन्यथा सरकार तो किसी न किसी बहाने चुनाव टाल ही रही थी। ध्यान रहे सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मशीनों को अनिवार्य बनाया है और यह रैंडम मशीनों की पर्चियों का मिलान ईवीएम के साथ करने का आदेश भी दिया गया है। तभी समय की कमी या कोई और बहाना उचित प्रतीत नहीं होता है। ऊपर से पहले से विवाद चल रहा है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के नेताओं ने इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने इसे मैच फिक्सिंग बताना शुरू कर दिया है। अगले कुछ दिन में इस पर विवाद बढ़ेगा। अभी राहुल गांधी चुनाव आयोग के खिलाफ ‘एटम बम’ फोड़ने में लगे हैं। इससे फुरसत होकर वे महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव का मुद्दा उठाएंगे। ध्यान रहे देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी का चुनाव भी होना है। विपक्षी पार्टियां बिल्कुल नहीं चाहेंगी कि बिना वीवीपैट मशीन के चुनाव होगा।