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15-06-2025 Vol 19

डिप्टी स्पीकर के मामले में क्या करेगी सरकार?

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वैसे तो सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर नहीं है। आखिर पिछली लोकसभा का कार्यकाल बिना डिप्टी स्पीकर के ही पूरा हो गया और कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ा। स्पीकर सब काम संभालने में सक्षम हैं और उनके अलावा पीठासीन अधिकारियों का एक पैनल बन जाता है, जो स्पीकर की गैरहाजिरी में सदन का संचालन करते हैं।

लोकसभा के पीठासीन अधिकारियों के पैनल में संचार घोटाले के आरोपी ए राजा भी हैं। बहरहाल, सरकार को परवाह नहीं है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर मामला गरमा दिया है। उन्होंने चिट्ठी लिख कर संविधान के प्रावधानों का हवाला दिया है और कहा है कि जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना चाहिए।

डिप्टी स्पीकर को लेकर क्यों गरमाया मामला?

कांग्रेस यह भी चाहती है कि परंपरा के मुताबिक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्षी पार्टी को मिलना चाहिए। हालांकि उनकी इस बात का कोई मतलब नहीं है।

सरकार ने तय कर रखा है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्षी पार्टी को नहीं देना है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में डिप्टी स्पीकर बनाया था तो वह पद भाजपा की सहयोगी अन्ना डीएमके के नेता थंबीदुरैई को मिला था। इस बार भी सरकार चाहे तो दक्षिण भारत की अपनी सहयोगी टीडीपी को डिप्टी स्पीकर का पद दे सकती है।

ध्यान रहे टीडीपी ने भाजपा के प्रति कमाल का सद्भाव दिखाया है और आंध्र विधानसभा में महज आठ विधायकों वाली भाजपा को दो राज्यसभा सीटें दी हैं। सो, बदले में भाजपा को भी दयानतदारी दिखानी चाहिए और टीडीपी को डिप्टी स्पीकर का पद दे देना चाहिए। लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू अपने किसी नेता को यह अहम पद दिए जाने को लेकर बहुत उत्सुक नहीं हैं।

भाजपा की दूसरी बड़ी सहयोगी जनता दल यू है, जिसके हरिवंश राज्यसभा में उप सभापति हैं। अन्ना डीएमके का कोई सांसद लोकसभा में नहीं है। एकनाथ शिंदे की शिव सेना के जरूर सात सांसद हैं। लेकिन पता नहीं क्यों भाजपा उनको भी डिप्टी स्पीकर का पद देने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

पिछली लोकसभा में बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस जैसी दो पार्टियां बिना एनडीए में शामिल हुए सरकार के साथ थीं। लेकिन इस बार ऐसी कोई पार्टी भी नहीं है। इसके बावजूद सरकार के ऊपर दबाव है कि वह डिप्टी स्पीकर नियुक्त करे। मानसून सत्र में विपक्ष इसका बड़ा मुद्दा बनाएगा।

Pic Credit : Ani

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NI Political Desk

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