यह यक्ष प्रश्न है कि जगत प्रकाश नड्डा की जगह कौन बनेगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? यह सवाल इसलिए ज्यादा अहम हो गया है क्योंकि जितने लोगों को संभावित दावेदार माना जा रहा था वे सभी लोग केंद्र सरकार में मंत्री बन गए हैं। नड्डा का केंद्र में मंत्री बनना पहले से तय था तभी कहा जा रहा था कि जून में उनका विस्तारित कार्यकाल खत्म होने के बाद नया अध्यक्ष बनेगा। नए अध्यक्ष के लिए चार या पांच नाम चर्चा में थे। लेकिन ये सभी लोग केंद्र में मंत्री बन गए हैं। रविवार को जब इन सभी नेताओं ने नरेंद्र मोदी के साथ मंत्री पद की शपथ ली तब कौतुहल बढ़ गया कि भाजपा क्या प्रयोग करने जा रही है और कौन चौंकाने वाला नाम आने वाला है।
पिछले कुछ समय से दो नेताओं के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा थी। कहा जा रहा था कि जेपी नड्डा के बाद भूपेंद्र यादव या धर्मेंद्र प्रधान में से कोई भाजपा अध्यक्ष होगा। जब ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली को प्रधान को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बताया जाने लगा। लेकिन रविवार को धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव दोनों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। सो, ये दोनों नाम रेस से बाहर हो गए। सरप्राइज नाम के तौर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम चल रहा था। जब उनको मुख्यमंत्री पद से हटाया गया और करनाल लोकसभा सीट से वे उम्मीदवार बने तब चर्चा तेज हो गई थी कि उनको भाजपा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन वे भी केंद्र में मंत्री बन गए।
चौथा नाम मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का था। उनसे इस बारे में पूछा भी जाता था और यह दावा किया जाता था कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का उनके प्रति समर्थन है। लेकिन वे भी कैबिनेट मंत्री बन गए। गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी संभावित दावेदार थे लेकिन वे भी नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बन गए हैं। अमित शाह के सरकार छोड़ कर संगठन में लौटने और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की चर्चा भी ज्यादा समय तक नहीं चल सकी। सो, अब यह रहस्य गहरा गया है कि भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा। सारे नाम कटने के बाद विनोद तावड़े और सुनील बंसल के नाम की चर्चा शुरू हुई है।
भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा का ही सिलसिला आगे बढ़ेगा। यानी कोई सवर्ण अध्यक्ष बनेगा। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर भारत की किसी पिछड़ी जाति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के प्रयोग की सफलता और राजस्थान में भजनलाल शर्मा के प्रयोग की विफलता से पार्टी में संगठन को लेकर नए सिरे से विचार हो रहा है। हालांकि महाराष्ट्र और गुजरात से पार्टी अध्यक्ष बनने की चर्चा भी तेज है। बहरहाल, नड्डा का विस्तारित कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है और वे केंद्र में मंत्री भी बन हैं। सो, भाजपा जल्दी फैसला करना होगा। यह भी कहा जा रहा है कि अगर जल्दी फैसला नहीं हुआ तो संगठन महामंत्री बीएल संतोष कुछ दिन पार्टी का कामकाज संभालेंगे।