nayaindia Lok Sabha elections क्या चुनाव तक विपक्ष पर कार्रवाई थमेगी?
Politics

क्या चुनाव तक विपक्ष पर कार्रवाई थमेगी?

ByNI Political,
Share
Kejriwal
Arvind Kejriwal Tihar Jail

ऐसा लग रहा है कि विपक्षी पार्टियां अब राहत की सांस ले सकती हैं। विपक्ष के अभियान, अंतरराष्ट्रीय मीडिया की कवरेज, वैश्विक दखल, अदालती फैसलों और चुनाव आयोग की चिंता की वजह से लग रहा है कि अगले दो महीने विपक्षी पार्टियों को मोटे तौर पर राहत मिल जाएगी। हो सकता है कि कुछ छिटपुट कार्रवाई हो लेकिन बड़े नेताओं या पार्टियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होगी।

केंद्रीय एजेंसियां रूटीन की जांच या कार्रवाई करेंगे लेकिन छापा मारने या गिरफ्तार करने जैसी कार्रवाई शायद न हो। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को दिए गए साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के टैक्स नोटिस के मामले में खुद आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में कह दिया कि वह चुनाव तक इस मामले में कोई पहल नहीं करेगी। यानी टैक्स वसूली का कोई काम नहीं किया जाएगा।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फैसला आया, जिसमें उसने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को जमानत दे दी। आमतौर पर धन शोधन के मामले में गिरफ्तार नेताओं को राहत नहीं मिलती है। लेकिन संजय सिंह को छह महीने में जमानत मिल गई। अदालत ने इस पूरे मामले में नाराजगी भी जताई और कहा कि वह आदेश में लिख सकती है कि संजय सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अदालत से कहा कि उसे संजय सिंह को जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि अदालत ने कहा कि इस फैसले को नजीर नहीं माना जाए लेकिन संभव है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया को भी जमानत मिल जाए।

ये दोनों घटनाक्रम सोमवार और मंगलवार के हैं उससे एक दिन पहले रविवार को विपक्षी पार्टियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक साझा रैली की थी। इस रैली में बड़ी भीड़ जुटी और साथ ही लगभग सभी विपक्षी पार्टियों के बड़े नेता इसमें शामिल हुए। सबने एक स्वर में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला उठाया। जेल में बंद नेताओं की रिहाई की मांग की।

दिल्ली के रामलीला मैदान का संदेश निश्चित रूप से पूरे देश में पहुंचा होगा। लोग भी मन ही मन सोच रहे होंगे कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ ज्यादती हो रही है। जिस तरह से भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं को क्लीन चिट मिल रही है और जो भाजपा से लड़ रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है उससे लोगों के मन में संदेह तो पैदा होता ही होगा।

विपक्षी पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई थमने या कम होने की संभावना की एक वजह यह भी है कि दुनिया भर की नजर भारत के चुनाव पर है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तार की बाद अमेरिका से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक ने इस मामले में बयान दिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया एक एक घटनाक्रम को कवर कर रहा है। इस बीच यह भी खबर है कि चुनाव आयोग की एक बैठक में पिछले दिनों विपक्ष के आरोपों को लेकर चर्चा हुई।

गौरतलब है कि रामलीला मैदान की रैली में विपक्ष ने चुनाव आयोग से दो मांगें की थीं। एक, वह सभी पार्टियों के लिए समान अवसर यानी लेवल प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करे और दो, वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई रुकवाए। ध्यान रहे अगर कार्रवाई चलती रहती है तो चुनाव आयोग की साख और बिगड़ेगी। इसलिए भी हो सकता है कि अगले दो महीने विपक्ष को राहत मिली रहे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें