राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

ढाई साल के बाद मिले योगी और ब्रजभूषण शरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या कोई संकट आता देख रहे हैं? यह सवाल इसलिए है क्योंकि उन्होंने पुराने दोस्तों की सुध लेनी शुरू कर दी है। योगी आदित्यनाथ ने अपने पुराने मित्र ब्रजभूषण शरण सिंह को मिलने के लिए बुलाया। ब्रजभूषण शरण सिंह 31 महीने के बाद योगी आदित्यनाथ से मिलने गए। सोचें, इस बीच लोकसभा का चुनाव हुआ और गोंडा की सीट से ब्रजभूषण के बेटे करण भूषण को भाजपा ने टिकट दिया। चुनाव के दौरान भी उनकी मुलाकात योगी से नहीं हुई। वे अपने दम पर गोंडा का चुनाव लड़े और जीते। चुनाव प्रचार के दौरान एक पत्रकार ने उनसे कहा था कि गोंडा में भाजपा हार रही है तो ब्रजभूषण शरण ने कहा था कि अगर भाजपा गोंडा हार रही है तो इसका मतलब है कि यूपी में एक भी सीट नहीं जीत  रही है।

वही ब्रजभूषण शरण सिंह 31 महीने के बाद योगी आदित्यनाथ से मिले। मुलाकात के बाद कहा कि योगी बड़े हैं तो बड़े को ही झुकना होता है। उन्होंने बुलाया तो हम गए। उन्होंने साफ किया कि वे खुद मिलने नहीं गए। योगी झुके और बुलाया तो वे मिलने गए। अब सवाल है कि योगी क्यों झुके? ऐसी क्या जरुरत आन पड़ी, जो ब्रजभूषण शरण को बुलाना पड़ा? क्या राजपूत एकता का प्रयास हो रहा है? ध्यान रहे ब्रजभूषण शरण सिंह बेहद शक्तिशाली नेता हैं। यूपी के साथ साथ बिहार और झारखंड के राजपूत नेताओं और आम लोगों पर समान असर रखते हैं। उनको योगी ने बुला कर मुलाकात की तो इसका मतलब है कि योगी ने आपात तैयारियां शुरू कर दी हैं। हो सकता है कि भाजपा आलाकमान उनके साथ छेड़छाड़ नहीं करे लेकिन अगर उनको बदलने का प्रयास हुआ तो बहुत उथलपुथल मचेगी।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *