nayaindia Parliament BJP JPC Rahul Gandhi सभी मुद्दों से ध्यान हटा है

सभी मुद्दों से ध्यान हटा है

संसद के बजट सत्र में सभी जरूरी मुद्दों से ध्यान हटा हुआ है। यह भाजपा की रणनीति की सफलता है। उसने विपक्ष को एक मुद्दे में उलझा रखा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को लग रहा है कि राहुल गांधी के देश का अपमान करने वाली बहस की काट अदानी समूह की जेपीसी जांच है। सवाल है कि अदानी समूह की जेपीसी जांच से क्या हासिल होना है? इससे पहले किसी जेपीसी जांच से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। ऊपर से अदानी समूह की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी बनी हुई है, जो दो रिटायर जज भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अलग से जांच करने के लिए कहा हुआ है। सो, जेपीसी की जांच से कुछ बड़ा खुलासा हो जाएगा, ऐसा नहीं है। जनता के बीच भी इस बात से सरकार की साख खराब होगी, इसमें भी संदेह है।

लेकिन इस वजह से विपक्ष ने जरूरी मुद्दों को छोड़ा हुआ है। जरूरी मुद्दा महंगाई का है। एक-दो महीने की कमी के बाद फिर से खुदरा महंगाई की दर रिजर्व बैंक की तय सीमा से ऊपर चली गई है। लगातार दो महीने से महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर है। देश में बेरोजगारी की दर सात फीसदी से ऊपर है। सरकार ने अगले साल के बजट में मनरेगा से लेकर खाद्य सुरक्षा तक के बजट में कटौती की है। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से सभी विपक्षी पार्टियों के ऊपर शिकंजा कसा है।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है। तेजस्वी यादव से लेकर के कविता तक कई नेताओं पर तलवार लटकी है। विपक्ष को इसकी सुध नहीं है। एक अदानी के मसले के पीछे सारे जरूरी मुद्दे छिप गए हैं। अदानी का मुद्दा भी ज्यादा अपील इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि उससे ज्यादातर लोग अप्रभावित हैं और देश की अर्थव्यवस्था पर भी कोई असर नहीं हुआ है। शेयर बाजार अब भी 60 हजार के आसपास ही है।

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