चुनाव से भी भागना!
सवाल है नरेंद्र मोदी और अमित शाह कैसे टाइमपास में समय गुजार सकते हैं? इनकी फितरत समय काटने की तो नहीं है। कुछ तो सोच रहे होंगे। बात सही है। लेकिन राजनीति में जब लुढ़कने का वक्त आता है तो कोई कितना भी चतुर, क्रूर और अपने को भगवान मानने वाला हो, वह समय को नहीं पलट सकता। मोदी और शाह दोनों जान रहे हैं कि पिटारा खुल गया है। उनकी मुट्ठी खुल कर खाक की है। दोनों का अहंकार दोनों को (साथ में भाजपा और आरएसएस को भी) उस दिशा की और अनिवार्यतः ले जाएगा, जिसमें आगे खाई है।...