Gig workers

  • बदहाली गिग वर्कर्स की

    साल 2019 से 2022 के बीच गिग वर्कर्स की वास्तविक आमदनी में ठोस गिरावट आई। यह गिरावट औसतन 10.4 प्रतिशत रही। इसके पीछे दो प्रमुख वजहें हैः बढ़ी आम महंगाई और तेल की ऊंची कीमत। ये श्रमिक वैसे भी बाकी वर्कर्स से कम ही कमा पाते हैँ।   वैसे तो भारत के आज के राजनीतिक विमर्श में श्रमिक वर्ग ही गायब है, लेकिन उनके बीच भी गिग वर्कर्स तो कुछ ज्यादा ही हाशिये पर हैं। इसलिए नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) और सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने इन श्रमिकों के बारे में अध्ययन किया, इसके लिए उनकी प्रशंसा...

  • जब ब्रिटेन में यह हाल

    गिग कर्मी हमेशा अपने काम से संबंधित असुरक्षा और अन्य चिंताओं से ग्रस्त रहते हैँ।  जिस महंगाई आसमान पर है, इस समूह के कर्मचारी खास तौर पर बेहद कमजोर स्थिति में पहुंच गए हैँ। ब्रिटेन में गिग वर्करों पर हुए एक अध्ययन से अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की जैसी दुर्दशा सामने आई है, उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में इन वर्करों का क्या हाल होगा। इसलिए इसमें कोई हैरत नहीं है कि ब्लिंकिट कंपनी के कर्मियों को हाल में संघर्ष पर उतरना पड़ा था या कुछ समय पहले गुड़गांव में अर्बन...

  • एक और स्वागतयोग्य पहल

    राजस्थान का स्वास्थ्य का अधिकार कानून पूरे देश में अपनी तरह की पहली पहल थी। उसी तरह गिग वर्कर्स के हितों के संरक्षण का कानून बनाना पहली पहल है। आशा है, अब दूसरे राज्य भी राजस्थान सरकार की पहल से सबक लेंगे। सबको सेहत का अधिकार देने का कानून बनाने के बाद अब राजस्थान सरकार ने एक उतनी महत्त्वपूर्ण और पहल की है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून पूरे देश में अपनी तरह की पहली पहल थी। उसी तरह गिग वर्कर्स के हितों के संरक्षण का कानून बनाना पहली पहल है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने यह कानून बनाने का...