Patna

  • सिर्फ नकारात्मक एजेंडे पर?

    साझा न्यूनतम कार्यक्रम के अभाव में इंडिया गठबंधन महज सीटों का एक तालमेल है- जिसका मकसद भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकना है। यह अपने-आप में अच्छी पहल है, लेकिन इसे ‘कुछ नहीं से कुछ बेहतर’ से ज्यादा की रणनीति नहीं माना जाएगा। आखिरकार विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की पहली रैली हुई। पटना में हुई रैली में गठबंधन के कई बड़े चेहरे मौजूद रहे और वहां जुटे लोगों में जीवंतता भी नजर आई। उम्मीद की जा सकती है कि इस रैली की सफलता से विपक्षी दलों में उत्साह एक हद तक लौटेगा, जो हाल में लगातार सियासी झटकों से...

  • राहुल के साथ कैसे मंच साझा करेंगे डी राजा

    बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में तीन मार्च को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पहली साझा रैली होने वाली है। उस रैली में राहुल गांधी शामिल होंगे। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव रैली की तैयारियां कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में विपक्षी गठबंधन में शामिल तीन कम्युनिस्ट पार्टियों- सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई एमएल के नेता भी शामिल होंगे। रैली में डी राजा, सीताराम येचुरी और दीपांकर भट्टाचार्य के शामिल होने की संभावना है। सवाल है कि जब कम्युनिस्ट पार्टियां और कांग्रेस केरल में इतनी घमासान लड़ाई आपस में लड़ रही हैं तब ये पार्टियां...

  • पटना एम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यशाला का आयोजन

    Patna, AIIMS :- पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्यकारी निदेशक डॉ. जी. के. पाल ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में क्रांति लाएगा और समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाएगा। पाल ने पटना एम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि हमारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विंग उपस्थित लोगों को तेजी से विकसित हो रहे एआई परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करने के लिए डिज़ाइन करेगा। इस कार्यशाला का आयोजन संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. पाल के मार्गदर्शन में किया...

  • विपक्ष का हर बात पर विरोध क्यों?

    राष्ट्रीय स्तर पर कल का विपक्ष (भाजपा) आज सत्तारुढ़ है और आज वर्तमान विपक्ष भविष्य में कभी सत्तासीन हो सकता है। सरकार-विपक्ष की जुगलबंदी तभी चलेगी, जब देश और उसका अस्तित्व बना रहेगा। 12वीं शताब्दी में यह गलती जयचंद ने की थी, जिसने व्यक्तिगत खुन्नस के कारण आक्रमणकारी मुहम्मद गौरी का सहयोग किया था। इसी तरह 18वीं सदी में बंगाल स्थित मीर जाफर ने सत्ता पाने हेतु नवाब सिराजुद्दौला के खिलाफ आक्रांता ब्रितानी रॉबर्ट क्लाइव से हाथ मिला लिया था। दोनों के परिणाम सर्वविदित है। जून की तेईस तारीख को बिहार की राजधानी पटना में 17 विपक्षी दलों की बैठक...

  • विपक्ष के लिए पटना का महत्व

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की लड़ाई की शुरुआत विपक्ष ने पटना से की है। नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक हुई और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हुईं। कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री शामिल हुए तो किसी न किसी तरह से कांग्रेस से दूरी दिखा रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी पटना पहुंचे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार पटना की धरती पर कदम रखा। एमके स्टालिन का भी पटना की बैठक में शामिल होना...

  • पटना में विपक्षी पार्टियां क्या करेंगी?

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की लड़ाई की शुरुआत विपक्ष ने पटना से की है। नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक हुई और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हुईं। कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री शामिल हुए तो किसी न किसी तरह से कांग्रेस से दूरी दिखा रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी पटना पहुंचे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार पटना की धरती पर कदम रखा। एमके स्टालिन का भी पटना की बैठक में शामिल होना...

  • पटना बैठक में सभी विपक्षी नेता होंगे!

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की लड़ाई की शुरुआत विपक्ष ने पटना से की है। नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक हुई और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हुईं। कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री शामिल हुए तो किसी न किसी तरह से कांग्रेस से दूरी दिखा रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी पटना पहुंचे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार पटना की धरती पर कदम रखा। एमके स्टालिन का भी पटना की बैठक में शामिल होना...

  • ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ का पोस्टर अब पटना में नजर आया

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की लड़ाई की शुरुआत विपक्ष ने पटना से की है। नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक हुई और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हुईं। कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री शामिल हुए तो किसी न किसी तरह से कांग्रेस से दूरी दिखा रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी पटना पहुंचे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार पटना की धरती पर कदम रखा। एमके स्टालिन का भी पटना की बैठक में शामिल होना...

  • बिहार में जातीय जनगणना से विकास को धार

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की लड़ाई की शुरुआत विपक्ष ने पटना से की है। नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक हुई और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हुईं। कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री शामिल हुए तो किसी न किसी तरह से कांग्रेस से दूरी दिखा रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी पटना पहुंचे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार पटना की धरती पर कदम रखा। एमके स्टालिन का भी पटना की बैठक में शामिल होना...

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