बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में तीन मार्च को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पहली साझा रैली होने वाली है। उस रैली में राहुल गांधी शामिल होंगे। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव रैली की तैयारियां कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में विपक्षी गठबंधन में शामिल तीन कम्युनिस्ट पार्टियों- सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई एमएल के नेता भी शामिल होंगे। रैली में डी राजा, सीताराम येचुरी और दीपांकर भट्टाचार्य के शामिल होने की संभावना है। सवाल है कि जब कम्युनिस्ट पार्टियां और कांग्रेस केरल में इतनी घमासान लड़ाई आपस में लड़ रही हैं तब ये पार्टियां दूसरे राज्य में कैसे मंच साझा करेंगी? Jan vishwas maharally Patna
इसमें खास तौर से सीपीआई के महासचिव डी राजा का जिक्र जरूरी है क्योंकि उनकी पार्टी ने केरल की वायनाड सीट पर राहुल गांधी के खिलाफ उनकी पत्नी एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है। सोचें, एक तरफ डी राजा और सीपीएम के सीताराम येचुरी के बारे में कहा जाता है कि ये दोनों राहुल गांधी के ज्यादा करीबी सलाहकार है। राहुल कांग्रेस नेताओं की बजाय इनकी बात ज्यादा सुनते हैं। फिर भी वायनाड सीट पर एनी राजा उम्मीदवार हो गईं। तकनीकी रूप से यह बात सही है कि अगर राज्य की सत्तारूढ़ और मुख्य विपक्षी गठबंधन, जिनके पास 85 फीसदी वोट है, एक साथ आ जाएंगे तो भाजपाक फायदा होगा। लेकिन यह भी सही है कि अगर लेफ्ट के नेता कांग्रेस के सर्वोच्च नेता के खिलाफ ऐसी घमासान लड़ाई लड़ेंगे तो इससे उनका आपस का विरोधाभास जाहिर होगा, जिसका भाजपा बड़ा मुद्दा बनाएगी। जब भी कांग्रेस और लेफ्ट के नेता एक मंच पर आएंगे उनकी हिप्पोक्रेसी का मुद्दा बनेगा, जिससे पूरे देश विपक्षी गठबंधन के प्रति धारणा खराब होगी।