सर्वजन पेंशन योजना

Poverty

  • कार्यबल में घटती महिलाएं

    2021 में कार्यबल में महिलाओँ की भागीदारी घटकर 23 फीसदी रह गई। 2018 में हुए एक सर्वेक्षण से सामने आया था कि कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी के मामले में 131 देशों की सूची में भारत 120वें नंबर पर था। हाल के दशकों मे, भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या में काफी कमी आई है। विश्व बैंक के मुताबिक भारत में औपचारिक और अनौपचारिक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी साल 2005 में 27 फीसदी थी, जो 2021 में घटकर 23 फीसदी रह गई। 2018 में हुए थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वेक्षण के मुताबिक कार्यबल (वर्क फोर्स) में महिलाओं की हिस्सेदारी...

  • गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

    इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो एक नारा लगता था- आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को जिताएंगे। यानी भूखे रह लेंगे लेकिन इंदिरा गांधी को जिताएंगे। वह दौर अभी तक खत्म नहीं हुआ है। अब भी लोग आधी रोटी खाकर नरेंद्र मोदी को जिताने की कसमें खा रहे हैं। बेरोजगार रह लेगें, भूखों रह लेंगे, गुरबत में जीवन बिता लेंगे, एक हजार रुपए की क्या बिसात है दो हजार में भी सिलिंडर खरीदेंगे लेकिन मोदी को जिताएंगे। असल में यह इंदिरा गांधी या नरेंद्र मोदी की बात नहीं है। यह इस देश के लोगों की तासीर, खासकर नौजवानों की सोच की बात...

  • ताजा तीन इंडेक्स का भारत सत्य

    हाल में दुनिया की तीन संस्थाओं- फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स, इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट और वेराइटी ऑफ डेमोक्रेसी ने लोकतंत्र को लेकर अपना वैश्विक सूचकांक जारी किया। और तथ्य जो भारत तीनों में बहुत नीचे है। फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स में भारत की स्थिति इतनी खराब बताई गई है कि भारत अब आंशिक रूप से स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश की श्रेणी में है। पिछले साल भारत का स्कोर 77 था वह घट कर 66 हो गया। भारत को अभी जिस श्रेणी में रखा गया है, इससे पहले भारत 1975-76 में और 1991-96 में इस श्रेणी में रहा था। ध्यान...

  • अब प्रश्न औचित्य का

    ‘मौजूदा आर्थिक यथार्थ मानव मूल्यों का अपमान है। 25 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब चरम गरीबी बढ़ रही है और लगभग एक अरब लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं।’ नदी में पानी आता है, तो सबकी नाव ऊंची होती है- यह कहावत अक्सर नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था के औचित्य को सही ठहराने के लिए कही जाती है। अर्थ यह होता है कि जब समाज में धन निर्मित होता है, तो भले ही धीरे-धीरे रिस कर वह या उसका लाभ सब तक पहुंचता है। इस औचित्य को बल प्रदान करने के लिए इन आंकड़ों का बार-बार उल्लेख होता रहा...

  • भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • आरक्षण का आधार सिर्फ गरीबी हो

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • 140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • बेरोजगार नौजवानों से बरबादी के खतरे!

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • क्या मजदूर सप्लाई करने की फैक्टरी बनेगा?

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • रोइए जार जार क्या, कीजिए हाय हाय क्यों

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • दुनिया कर रही फ्रॉड या हम?

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • मोदी के स्वर्ण काल में भूख, कतई नहीं!

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  • हंगर बनाम हेडलाइन

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  • भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • भारत की घटिया पत्रकारिता?

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  • इस हकीकत से सामना

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  • रडार से बाहर अफगानिस्तान

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • गरीबी और अमीरी की खाईः ताजा आंकड़े

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • 84 फीसदी की आय घटी, अरबपति बढ़े

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

  • भूख से तंग है भारत

    आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख...

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