Raj Thackeray

  • ठाकरे बंधुओं की बदलेगी रणनीति

    ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ठाकरे बंधुओं यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की चुनावी राजनीति बदलेगी। पिछले दिनों एक छोटा चुनाव हुआ, जिसमें दोनों को बड़ा झटका लगा। लंबे समय के बाद दोनों एक साथ आए हैं और बीएमसी सहित कई शहरों में साथ मिल कर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन उससे पहले दोनों की परीक्षा बेस्ट यानी बृहन्नमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई और ट्रांसपोर्ट विभाग की क्रेडिट सोसायटी के चुनाव में होनी थी। ठाकरे बंधु मिल कर लड़े थे और महायुति यानी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी भी लड़े थे।...

  • ठाकरे परिवार की एकता मजबूत हो रही है

    बाल ठाकरे का परिवार सिर्फ राजनीतिक स्तर पर ही नहीं बिखरा था, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी बिखर गया था। राजनीतिक कारणों से ही ऐसा हुआ था और अब राजनीतिक कारणों से ही परिवार की एकता भी बन रही है। पिछले दिनों उद्धव ठाकरे का 65वां जन्मदिन मनाया गया तो उसमें शामिल होने के लिए राज ठाकरे मातोश्री पहुंचे। वे छह साल के बाद मातोश्री गए थे। एक समय पूरा परिवार वही रहता था और मुंबई पर राज करता था। लेकिन उद्धव ठाकरे को शिव सेना की कमान देने के बाद सब बिखर गया। राज ठाकरे को मातोश्री...

  • ठाकरे व दुबे में जुबानी जंग

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें हिंदी सिखा दी है। दरअसल, ठाकरे ने दुबे पर पलटवार करते हुए एक कार्यक्रम में हिंदी में कहा, ‘‘आप मुंबई आइए। मुंबई के समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे।’’ इससे पहले महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर दुबे ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘तुमको पटक पटक के मारेंगे।’’ ठाकरे के ताजा बयान के बाद दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी?” ‘मराठी मानुष’ के मुद्दे पर...

  • भाषा, जाति, धर्म पर गुंडागर्दी का गौरवगान

    देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी विजय रैली’ की। इस रैली पर पूरे देश की नजर थी क्योंकि इससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक बदलाव का संकेत मिल रहा था। कम से कम मुंबई की राजनीति तो निश्चित रूप से बदलती दिख रही है। इस राजनीतिक बदलाव के केंद्र में भाषा का विवाद है। यह बहुत पुराना विवाद है। कम से कम 75 साल पहले जब देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भाषा के नाम पर राज्यों के विभाजन की मांग ठुकरा दी...

  • उद्धव ने राज ठाकरे को संजीवनी दे दी

    जिस तरह से 2015 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद, उनकी पार्टी और परिवार को संजीवनी दी थी उसी तरह महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को दी है। हो सकता है कि इसका कुछ फायदा उद्धव ठाकरे को भी हो लेकिन राजनीति के हाशिए से भी धकेल कर बाहर कर दिए गए राज ठाकरे का पुनर्जीवन हो गया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के लोगों ने राज ठाकरे की विभाजनकारी राजनीति को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। गैर मराठी लोगों पर हमले या हिंदुत्व की राजनीति का उनका प्रयास पूरी तरह से नाकाम रहा...

  • 20 साल बाद एक मंच पर उद्धव और राज ठाकरे

    मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कई सालों के बाद एकसाथ मंच साझा किया। इस रैली को लेकर शिवसेना (यूबीटी) की पूर्व मेयर और प्रवक्ता किशोरी पेडनेकर का बयान आया। उन्होंने इसे खुशी का दिन बताया।  शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता किशोरी पेडनेकर ने बात करते हुए कहा हमें बहुत खुशी और आनंद महसूस हो रहा है। आज मनसे और शिवसैनिकों का मिलन हो रहा है और ये हमारे लिए खुशी का दिन है। जब हम दोनों अलग थे तो हम अपने मुद्दों और विजन के अनुसार अपना कार्य कर...

  • ‘हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं’, भाषा विवाद पर बोले राज ठाकरे

    महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर मुंबई के वर्ली डोम में एक रैली को संबोधित किया। इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा मैंने कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। हम 20 साल बाद एक मंच पर आए हैं। हमारे लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी हमारे लिए एजेंडा है। राज ठाकरे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी से डरते हैं। मुंबई को महाराष्ट्र से कोई भी अलग नहीं कर सकता।...

  • उद्धव व राज ठाकरे विजय उत्सव मनाएंगे

    मुंबई। महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने का फैसला रद्द होने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने अपनी साझा रैली को विजय उत्सव में बदलने का ऐलान किया है। हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले का विरोध करने के लिए ठाकरे बंधुओं ने पांच जुलाई को साझा रैली करने की घोषणा की थी। उससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस फैसले को रद्द करने का ऐलान कर दिया। साथ ही इस पर विचार के लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के एक दिन...

  • सियासत के चक्रव्यूह में

    महाराष्ट्र का घटनाक्रम मिसाल है कि पहचान की सियासत कैसे वहां भी विवाद खड़े कर देती है, जहां इसकी जड़ें मौजूद नहीं होतीं। ऐसे विवाद आज भारत में आम जन को आपस में जोड़ने वाले हर पहलू की बलि ले रहे हैं।    महाराष्ट्र में हिंदी सियासत के चक्रव्यूह में फंस गई है। जोड़ने वाली ये भाषा वहां एक विभाजन रेखा बन गई है। वहां के सियासी समूहों में सबकी रुचि माहौल को अधिक से अधिक गरमाए रखने में है, वरना मेल-मिलाप से मसले को हल कर लेना कठिन नहीं होता। महाराष्ट्र में कभी हिंदी विरोध मजबूत मुद्दा नहीं रहा। विडंबना...

  • उद्धव और राज ठाकरे साझा रैली करेंगे

    मुंबई। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे नजदीक आ गए हैं और भाषा के सवाल पर साझा रैली करने जा रहे हैं। पहली कक्षा से ही हिंदी भाषा को स्कूलों में शामिल करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ उद्धव और राज ठाकरे पांच  जुलाई को मुंबई में साझा रैली करेंगे। इससे पहले उद्धव ने छह जुलाई को और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सात जुलाई को रैली निकालने का ऐलान किया था। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने इस मुद्दे पर उद्धव व राज ठाकरे को समर्थन दिया है। पवार ने कहा,...

  • उद्धव को तालमेल से रोकने की कोशिश

    महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक ध्रुवीकरण तेज हो रहा है। यह साफ दिख रहा है कि उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से तालमेल करना चाहते हैं। तालमेल की शर्तें क्या होंगी इस पर चर्चा चल रही है। हालांकि ऐसा नहीं है कि राज ठाकरे की पार्टी बहुत बड़ी या लोकप्रिय है। संसद या विधानमंडल या महानगरपालिका कहीं भी उनका एक भी सदस्य नहीं है। फिर भी उद्धव को लग रहा है कि ठाकरे परिवार के एक होने से मुंबई की जनता में एक मैसेज जाएगा और परिवार वापस मुंबई...

  • राज ठाकरे से मिले मुख्यमंत्री फड़नवीस

    मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के नजदीक आने और दोनों की पार्टियों के बीच तालमेल होने की अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है। गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के बांद्रा में एक पांच सितारा होटल में हुई और करीब डेढ़ घंटे तक चली। यह मीटिंग फड़नवीस के शेड्यूल में शामिल नहीं थी। अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है कि उद्धव ठाकरे की शिव सेना और मनसे के बीच गठबंधन की...

  • उद्धव ने दिया राज ठाकरे से तालमेल का संकेत

    मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से तालमेल के संकेत दिए हैं। पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियों की ओर से इसके संकेत दिए जा रहे थे लेकिन पहली बार उद्धव ने इतना स्पष्ट संकेत दिया है। उद्धव ने तालमेल की अटकलों के बीच शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या उनकी पार्टी और मनसे के बीच किसी तरह की बातचीत चल रही है। उद्धव ठाकरे से मुंबई में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस...

  • उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के संकेत दिए

    महाराष्ट्र की राजनीति राज ठाकरे का वजूद लगभग खत्म हो गया है और पिछले विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी का प्रदर्शन भी बहुत खराब रहा। अब दोनों ने चचेरे भाइयों ने साथ आने का संकेत दिया है। साथ आने का संकेत देते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा, ‘हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन यह सब महाराष्ट्र के आगे बहुत छोटी चीज हैं। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित के लिए साथ आना कोई बहुत बड़ी मुश्किल नहीं है’। राज ठाकरे का बयान: उद्धव से गठबंधन संभव, जरूरत...

  • राज ठाकरे काठ की हांडी चढ़ाना चाह रहे हैं

    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे के नेता राज ठाकरे पिछले एक दशक से ज्यादा समय से राजनीतिक प्रासंगिकता की तलाश में हैं। उनकी पार्टी को लंबे समय से चुनावी सफलता नहीं मिल रही है और भाजपा के साथ तालमेल की चर्चाओं के बावजूद वे राजनीतिक बियाबान में भटक रहे हैं। तभी थक हार कर वे एक बार फिर काठ की हांडी चूल्हे पर चढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मुंबई में रहने वालों को मराठी बोलनी पड़ेगी। राज ठाकरे ने कहा है कि जो मुंबई में रह कर मराठी नहीं बोलता है उसको थप्पड़ मारना चाहिए।...

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