Regional Parties

  • कई प्रादेशिक पार्टियों के अस्तित्व पर खतरा

    इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे कई प्रादेशिक पार्टियों के लिए खतरे की घंटी हैं। कई राज्यों में मजबूत रहीं प्रादेशिक पार्टियों का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है। ऐसा चुनाव हारने की वजह से नहीं है। ध्यान रहे एक या दो चुनाव में हार जाने से पार्टियां समाप्त नहीं हो जाती हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जब पार्टियों ने मजबूत वापसी की है। आंध्र प्रदेश में ही लोकसभा की तीन और विधानसभा की 22 सीट पर सिमट गई चंद्रबाबू नायडू की पार्टी इस बार लोकसभा में 16 और विधानसभा में 135 सीट जीत कर आई है। लोकसभा में जीरो...

  • पार्टियों के उत्तराधिकार का मसला उलझा

    इस बार लोकसभा चुनाव और उसके साथ हुए विधानसभा चुनावों में ऐसा लग रहा था कि कई पार्टियों के उत्तराधिकार का मसला सुलझ जाएगा। बड़े और रिटायर होने की कगार पर पहुंचे नेता अपना उत्तराधिकारी तय कर देंगे। लेकिन एक तेलुगू देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू को छोड़ कर किसी पार्टी में उत्तराधिकारी तय नहीं हुआ। उलटे कई पार्टियों में उत्तराधिकार का मामला उलझ गया। जिन प्रादेशिक पार्टियों में उत्तराधिकार का मामला उलझा है उनमें नीतीश कुमार की जनता दल यू, मायावती की बहुजन समाज पार्टी, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और के चंद्रशेखर राव की बीआरएस है। ममता...

  • मोदी सुनामी क्षत्रपों से फुस्स!

    गुजरे सप्ताह महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की क्षत्रपता स्थापित हुई। पिछले सप्ताह भी मैंने लिखा था कि राहुल गांधी और शरद पवार ठीक कर रहे हैं, जो उद्धव ठाकरे को बड़ा भाई बना रहे हैं। अब सीटों के बंटवारे (ठाकरे पार्टी को 21, कांग्रेस 17, शरद पवार पार्टी 10 सीट) ने भी महाराष्ट्र की जनता की निगाह में उद्धव ठाकरे बनाम नरेंद्र मोदी की सीधी प्रतिद्वंद्विता बना दी है। इसका अर्थ है लोगों में, समर्थकों में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की वोट दुकान खत्म। इनकी वही दशा होनी है जो बिहार में भाजपा के पार्टनर नीतीश, मांझी, पासवान आदि...

  • प्रादेशिक पार्टियां भी हकीकत समझें!

    पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के चार राज्यों में हारने के बाद प्रादेशिक पार्टियों खास कर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने म्यान से तलवारें निकाल ली हैं। समाजवादी पार्टी से लेकर जनता दल यू और सीपीएम से लेकर तृणमूल कांग्रेस तक सब कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। बिना आंकड़ा देख सब यह ज्ञान दे रहे हैं कि अगर ‘इंडिया’ एकजुट होकर लड़ता तो कांग्रेस इस तरह से नहीं हारती। हालांकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। कांग्रेस के ऊपर सबसे ज्यादा हमलावर ममता बनर्जी हैं, जिन्होंने कांग्रेस पर तीखा बयान दिया और अब उनकी...

  • क्षेत्रीय पार्टियां क्या खत्म हो सकती हैं?

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्षेत्रीय पार्टियों का क्या भविष्य होगा? क्या वे खत्म हो जाएंगी या अब ऐसा समय आ गया है कि और ज्यादा मजबूत होंगी? जेपी नड्डा पांच अक्टूबर को पटना गए थे, जहां उन्होंने कैलाशपति मिश्र की सौवीं जयंती के कार्यक्रम में कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं इसलिए ये खत्म हो जाएंगी। इससे ठीक 14 महीने पहले 31 जुलाई 2022 को भी पटना में ही जेपी नड्डा ने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा...

  • क्षेत्रीय पार्टियों की राष्ट्रीय चुनौती

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्षेत्रीय पार्टियों का क्या भविष्य होगा? क्या वे खत्म हो जाएंगी या अब ऐसा समय आ गया है कि और ज्यादा मजबूत होंगी? जेपी नड्डा पांच अक्टूबर को पटना गए थे, जहां उन्होंने कैलाशपति मिश्र की सौवीं जयंती के कार्यक्रम में कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं इसलिए ये खत्म हो जाएंगी। इससे ठीक 14 महीने पहले 31 जुलाई 2022 को भी पटना में ही जेपी नड्डा ने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा...

  • मजबूत हो रही हैं क्षेत्रीय पार्टियां

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्षेत्रीय पार्टियों का क्या भविष्य होगा? क्या वे खत्म हो जाएंगी या अब ऐसा समय आ गया है कि और ज्यादा मजबूत होंगी? जेपी नड्डा पांच अक्टूबर को पटना गए थे, जहां उन्होंने कैलाशपति मिश्र की सौवीं जयंती के कार्यक्रम में कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं इसलिए ये खत्म हो जाएंगी। इससे ठीक 14 महीने पहले 31 जुलाई 2022 को भी पटना में ही जेपी नड्डा ने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा...

  • क्षेत्रीय पार्टियों को भी कांग्रेस से ज्यादा चंदा

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्षेत्रीय पार्टियों का क्या भविष्य होगा? क्या वे खत्म हो जाएंगी या अब ऐसा समय आ गया है कि और ज्यादा मजबूत होंगी? जेपी नड्डा पांच अक्टूबर को पटना गए थे, जहां उन्होंने कैलाशपति मिश्र की सौवीं जयंती के कार्यक्रम में कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं इसलिए ये खत्म हो जाएंगी। इससे ठीक 14 महीने पहले 31 जुलाई 2022 को भी पटना में ही जेपी नड्डा ने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा...

  • और लोड करें