Wednesday

30-04-2025 Vol 19

अजीत द्विवेदी

संवाददाता/स्तंभकार/ वरिष्ठ संपादक जनसत्ता’ में प्रशिक्षु पत्रकार से पत्रकारिता शुरू करके अजीत द्विवेदी भास्कर, हिंदी चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में सहायक संपादक और टीवी चैनल को लॉंच करने वाली टीम में अंहम दायित्व संभाले। संपादक हरिशंकर व्यास के संसर्ग में पत्रकारिता में उनके हर प्रयोग में शामिल और साक्षी। हिंदी की पहली कंप्यूटर पत्रिका ‘कंप्यूटर संचार सूचना’, टीवी के पहले आर्थिक कार्यक्रम ‘कारोबारनामा’, हिंदी के बहुभाषी पोर्टल ‘नेटजाल डॉटकॉम’, ईटीवी के ‘सेंट्रल हॉल’ और फिर लगातार ‘नया इंडिया’ नियमित राजनैतिक कॉलम और रिपोर्टिंग-लेखन व संपादन की बहुआयामी भूमिका।

मध्यकाल के तरीकों से महिला सुरक्षा?

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ मध्यकालीन उपाय आजमाने की तैयारी हो रही है। आधुनिक विश्व में अफगानिस्तान, ईरान आदि कुछ देशों में ऐसे उपाय सफलतापूर्वक...

ट्रंप से भारत में किस बात की खुशी?

अमेरिका के चुनाव नतीजे पर जितनी खुशी डोनाल्ड ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन मना रहे हैं उससे कम खुशी भारत में नहीं मनाई जा रही है।

कोई तो सोचे जलवायु परिवर्तन पर?

नवंबर का महीना शुरू हुआ तो एक आंकड़ा सामने आया कि इस साल का अक्टूबर पिछले सवा सौ साल का सबसे गर्म अक्टूबर रहा।

भाषा से भी चुनाव में ठगा जाता है!

भारत में चुनाव अब विकासवादी नीतियों या विचारधारा के ऊपर नहीं हो रहे हैं, बल्कि लोकलुभावन घोषणाओं और भाषण की जादूगरी पर हो रहे हैं।

गुजराती क्यों भारत से भाग रहे?

यह अमेरिका का सरकारी आंकड़ा है कि हर घंटे 10 भारतीय उसकी सीमा में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़े जा रहे हैं।

परिसीमन का क्या पैमाना होगा?

केंद्र सरकार ने जनगणना की अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन एक, जनवरी 2025 से  प्रशासनिक सीमाएं सील हो जाएंगी

राहुल की मनुस्मृति व संविधान बेहूदगी

यह एकदम बेतुकी बात है क्योंकि दो विचारों को एक दूसरे का विरोधी तभी कहा जा सकता है, जब वे समकालीन हों और एक साथ चलन में हों।

नैतिकता अब है कहां जो नेता इस्तीफा दे!

याद नहीं आ रहा है कि नैतिकता के आधार पर आखिरी बार किसी नेता या लोक सेवक का इस्तीफा कब हुआ था।

दम घुट रहा, जवाबदेही किसी की नहीं!

अब जिम्मेदारी लेने की राजनीति का समय समाप्त हो गया है और उसकी जगह श्रेय लेने की राजनीति का समय आ गया है।

धारणा की लड़ाई हार रही हैं ममता

अब 2026 के विधानसभा चुनाव से दो साल पहले से ठीक वैसे ही हालात बन रहे हैं, जैसे 2007 में थे। ममता बनर्जी के खिलाफ बात बात पर आंदोलन...

जीएसटी की चोरी रोकने में विफल सरकार

ईमानदार कारोबारी बिल बनाने के साथ ही जीएसटी जमा कर देता है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि उसको समय से बिल का भुगतान हो...

झारखंड में भाजपा भावना के भरोसे

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में तमाम अनुमानों के उलट कांग्रेस को हरा दिया। लेकिन जम्मू कश्मीर में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस को नहीं हरा पाई।

महाराष्ट्र आसान नहीं है

हरियाणा ने हवा बदल दी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कहा जा रहा था कि चार राज्यों का विधानसभा चुनाव डन डील है।

खाद्यान्नों की महंगाई नहीं रूक रही!

एक बार फिर सरकार की ओर से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए हैं और एक बार फिर कहा गया है कि...

कांग्रेस के लिए मंडल राजनीति मुश्किल

हरियाणा के चुनाव नतीजों ने एक बार फिर प्रमाणित किया है कि कांग्रेस पार्टी जातीय राजनीति में प्रवेश कर तो गई है लेकिन उसकी जटिलताओं को समझ नहीं पा...

मुफ्त की रेवड़ी का गर्व

देश में चुनाव का सीजन चल रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद दो राज्यों के चुनाव हुए हैं और दो अन्य राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली...

रोना बिसूरना बंद करे कांग्रेस

कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है।

भाजपा की बड़ी वापसी, कांग्रेस सीखे!

एक्जिट पोल के आंकड़ों में जैसे भाजपा के हारने और कांग्रेस गठबंधन के सफल होने की भविष्यवाणी की गई उससे भी यही संकेत निकल रहा था कि भाजपा अब...

हरियाणा, कश्मीर के चुनाव का संदेश

जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आएंगे। वैसे पांच अक्टूबर को हरियाणा का मतदान पूरा होने के बाद आए एक्जिट पोल के अनुमानों ने नतीजों...

विकसित राज्य है केंद्र से नाराज!

राज्य चाहते हैं कि केंद्र इसमें बदलाव करे। सेस व सरचार्ज वसूल कर सीधे अपना खजाना नहीं भरे और राज्यों का हिस्सा 50 फीसदी करे।

प्रशांत किशोर क्या सफल होंगे?

चुनाव विश्लेषण और रणनीति बनाने के कारोबार के इतिहास में सबसे सफल व्यक्ति प्रशांत किशोर रहे हैं।

प्रदूषण आया और समय काट रहे!

दिल्ली में अक्टूबर का महीना आया नहीं कि हवा प्रदूषित होने लगी। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई का स्तर बिगड़ने लगा और सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि यह...

‘मेक इन इंडिया’ क्या सफल?

अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने के मौके पर रविवार, 29 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को लेकर बड़ा दावा...

तीन मुठभेड़ और पुलिस की मासूम कहानियां

भारत में या किसी भी सभ्य समाज में मुठभेड़ में या पुलिस और न्यायिक हिरासत में आरोपियों या अपराधियों का भी मारा जाना समूची व्यवस्था के ऊपर धब्बा होता...

मोदी क्यों इतनी कटुता बढ़ा रहे?

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदलेंगे।

निष्ठा का फूहड़ प्रदर्शन क्या जरूरी है?

आतिशी ने अपने कार्यकाल का लक्ष्य तय किया कि अगले चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना है।

इन सौ दिनों पर इतनी राजनीति!

पहले भी नरेंद्र मोदी की दो सरकारों ने पहले सौ दिन का मुकाम पार किया था।

चुनावी जीत से क्या आरोप मिट जाते हैं?

वे जो राजनीतिक तमाशे खड़े कर रहे हैं वह अपनी जगह है लेकिन चुनावी जीत के जरिए आपराधिक मुकदमे के आरोप मिटाने का प्रयास एक खतरनाक परंपरा को जन्म...

दो चरण में चुनाव हो तो बेहतर

केंद्र की मौजूदा सरकार के पास लोकसभा और राज्यसभा में इतना बहुमत नहीं है कि वह पांच संशोधन करके सारे चुनाव एक साथ कराने का फैसला करे।

चुनाव के बीच पोपुलिस्ट फैसले

आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होने के बावजूद सरकारें राजनीतिक नैतिकता का ख्याल रखती थीं। लेकिन मौजूदा सरकार को इसकी परवाह नहीं है।

सिर्फ तमाशे से काम नहीं चलेगा

सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता और मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने इतने किस्म के तमाशे रचे हैं कि उनके सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी भी उनको देख देख कर हैरान होंगे।

अर्थव्यवस्था में कुछ बुनियादी गड़बड़ है

बाजार में मांग नहीं बढ़ने के बावजूद कंपनियों का मुनाफा बढ़े। ये सारी चीजें हो रही हैं इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था की माइक्रो तस्वीर ठीक नहीं है।

मणिपुर को गंभीरता से लेने की जरुरत

राज्य में दो समुदायों के अलावा भी लोग रहते हैं। नगा और नेपाली आबादी भी रहती है। लेकिन सबका जीवन दूभर हो गया है।

जाति गणना होगी और नई राजनीति भी!

ऐसी राजनीति करने वाली पार्टियां सिर्फ जातियों की गिनती से संतुष्ट हो जाएंगी और न जातीय समूह संतुष्ट होंगे।

भाजपा में इतनी बगावत क्यों है?

ऐसा लग रहा है जैसे समय का चक्र वापस घूमने लगा है। संपूर्ण और कठोर अनुशासन वाली भाजपा 10 साल पहले के दौर में लौट रही है।

नड्डा के बिहार दौरे की टाइमिंग अहम

टाइमिंग इसलिए खास है क्योंकि उनकी यात्रा से ठीक पहले यह खबर आई कि राजद नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले हैं।

दिल्ली एक जीता जागता नर्क है

जिन लोगों को स्वर्ग और नर्क की अवधारणा में यकीन है या जिन लोगों ने गरुड़पुराण पढ़ा या सुना है उनको पता होगा कि नर्क कैसा होता है।

सख्त कानून से क्या हो जाएगा?

खुद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि देश में हर दिन 90 महिलाओं के साथ बलात्कार होते हैं।

मलयालम फिल्म उद्योग का सच ही सबकी सचाई

एक बार मलयालम फिल्म उद्योग से सफाई की शुरुआत हुई तो दूसरे फिल्म उद्योग के लोगों को आगे आना चाहिए

पेंशन तो ठीक है लेकिन बाकी आबादी का क्या?

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन की नई योजना घोषित की है। एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को लेकर पिछले एक हफ्ते से बहस मुबाहिसा चल रहा...

महिला सुरक्षा पर घड़ियाली आंसू!

इस बात पर सहमत हैं कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने का ठोस उपाय होना चाहिए, फिर सब आपस में लड़ क्यों रहे...

राहुल की यह जाति आसक्ति उन्हे ले डुबेगी!

अंग्रेजी का एक शब्द है ‘ऑब्सेशन’, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘आसक्ति’ होता है। लेकिन शाब्दिक अर्थ से ज्यादा लोग इसके अभिप्राय को समझते हैं।

एक हार से सब कुछ बदल गया

लोकसभा में 240 सीट मिलने को हार नहीं कहेंगे लेकिन अगर पैमाना नरेंद्र मोदी का प्रदर्शन हो तो वह हार मानी जाएगी।

140 करोड़ उपभोक्ताओं की बजाय कारोबारियों, अंबानी की चिंता में अमेजन कंपनी को निशाना बनाना!

भारत में या दुनिया के दूसरे देशों में भी राजनीति को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले कारकों में समाज व्यवस्था के लगभग बराबर या उससे ज्यादा ही भूमिका अर्थव्यवस्था की...

हरियाणा में सोनिया कराएंगी सुलह

हरियाणा में चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद भी कांग्रेस की आंतरिक कलह समाप्त नहीं हो रही है। पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है और दोनों के...

लैटरल एंट्री में आखिर क्या गलत है?

भारत सरकार की शीर्ष नौकरशाही में निजी क्षेत्र के पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर बहाल करने की लैटरल एंट्री की योजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल...

कश्मीर में चुनाव की बड़ी चुनौती

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तीन चरण में होने वाले मतदान के पहले चरण की अधिसूचना जारी हो गई है और नामांकन की...

ममता के लिए मुश्किल समय

ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपने सबसे मुश्किल समय से गुजर रही हैं तो उनकी 13 साल पुरानी सरकार सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है।