Sunday

15-06-2025 Vol 19

भाजपा के समीकरण

380 Views

दिग्गज और जनाधार वाले नेताओं को दरवाजा दिखा दिया गया है। यह इस बात का संकेत है कि पार्टी पर अब नरेंद्र मोदी-अमित शाह का समग्र नियंत्रण है। बाकी नेताओं के सत्ता के स्रोत भी यही दो शख्सियतें हैं।

तीन राज्यों के मुख्यमंत्री का चयन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीन दिन तक देश को चौंकाया। पार्टी ने ऐसे नाम चुने, जिनके बारे में उन राज्यों के बाहर कम ही जाना जाता था। इसके साथ ही पार्टी ने हर प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर के नाम का एलान भी किया। इस पर जोर डाला गया कि किस तरह हर राज्य में इन चार पदों पर जातीय समीकरण बैठाया गया है। गौरतलब है कि भाजपा ने स्पीकर पद को भी अपनी इस राजनीति का हिस्सा बना लिया है- जबकि संसदीय व्यवस्थाओं में आम तौर पर स्पीकर को निष्पक्ष नजरिए से देखा जाता है। कभी परंपरा भी थी कि स्पीकर चुने गए नेता अपनी पार्टी से इस्तीफा दे देते थे। लेकिन भाजपा के मोदी काल में ये बातें अपना मतलब खो चुकी हैं। बहरहाल, जातीय समीकरण के साथ-साथ भाजपा नेतृत्व ने नए नामों के साथ पार्टी के अंदरूनी समीकरण भी बदल दिए हैँ। दिग्गज और जनाधार वाले नेताओं को दरवाजा दिखा दिया गया है।

यह इस बात का संकेत है कि पार्टी पर अब नरेंद्र मोदी-अमित शाह का समग्र नियंत्रण है। बाकी नेताओं के सत्ता के भी स्रोत यही दो शख्सियतें हैं। जिन्हें भाजपा में रहना है, उन्हें यह हकीकत स्वीकार करनी होगी। जाहिरा तौर पर मोदी की यह हैसियत इसलिए बनी है कि देश के शासक वर्ग में अपनी वैसी स्वीकार्यता बना सके हैं, जिससे इस तबके का हित उनके सत्ता में बने रहने से जुड़ गया है। नतीजतन, भाजपा के लिए धन और प्रचार तंत्र की कोई कमी नहीं है। चूंकि यह सब उपलब्ध है, इसलिए भाजपा चुनावों में अपनी तरफ झुके धरातल के साथ उतरती है और अक्सर अपने विरोधियों को परास्त कर देती है। लगभग सारे चुनाव मोदी के नाम पर लड़े जाते हैं। रणनीति केंद्रीय नेतृत्व ही तय करता है। तो स्वाभाविक है कि पार्टी के अंदर प्रधानमंत्री की इच्छा सर्वोपरि हो गई है। जब देश लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहा है, तब भाजपा अपने ऐसे अंदरूनी और बाहरी समीकरणों के साथ फिलहाल अपराजेय अवस्था में खड़ी नजर आ रही है। आज के भारत की यही हकीकत है।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *