पटना। कांग्रेस और राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली देने के मामले में सत्तारूढ़ एनडीए ने गुरुवार को बिहार बंद किया। दो सितंबर को की गई घोषणा के मुताबिक गुरुवार को सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक एनडीए के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और दुकानें बंद कराई। गाड़ियों की आवाजाही कम हुई और कई इलाकों में सड़कों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने यातायात बाधित किया। भाजपा ने पांच घंटे के बंद का ऐलान किया था लेकिन उसके बाद भी कई जगह बंद का असर दिखा।
करीब पांच घंटे के बंद के दौरान समस्तीपुर, बेगूसराय, छपरा, हाजीपुर, दरभंगा में सहित 12 जिलों में कई घंटे तक भाजपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया, जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। बंद को लेकर कांग्रेस और राजद ऑफिस की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। गौरतलब है कि दरभंगा में 27 अगस्त को महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के मंच से रिजवान नाम के एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली दी थी। इसके विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर हमला कर दिया था। इसे देखते हुए बिहार बंद के दौरान कांग्रेस व राजद कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ाई गई।
इसके साथ ही पटना में दो हजार से ज्यादा अतिरिक्त जवान तैनात किए गए। इसके बावजूद पटना के सगुना मोड़ पर भाजपा कार्यर्कताओं ने आगजनी की। न्यायिक अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों की गाड़ियां भी रोकी गईं। बिहटा में भाजपा नेताओं ने सड़क जाम किया। पटना के सबसे व्यस्त डाकबंगला चौराहे को करीब दो घंटे तक बंद रखा गया।
उधर में बंद करा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक महिला टीचर को स्कूल जाने से रोका और वायरल वीडियो में दिख रहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें हाथ पकड़ वापस घर भेज दिया। एक युवक के साथ मारपीट की भी खबर है। ऐसे ही भागलपुर में बंद के दौरान बाइक से जा रहे पति पत्नी की बंद समर्थकों के साथ बहस हुई। इस दौरान दंपति के साथ बदसलूकी की गई। दरभंगा में महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर बंद को सफल बनाया। बेगूसराय में राज्य सरकार के मंत्री सुरेंद्र मेहता खुद सड़क पर उतरे और सड़कें व दुकानें बंद कराईं। मुजफ्फरपुर में बंद के दौरान नेशनल हाईवे 27 पर को जाम करने को लेकर आरएएफ के जवान और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई।