पटना। बिहार में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच विपक्षी गठबंधन ने दो और सहयोगी दलों को शामिल करने का फैसला किया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर शनिवार को हुई बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने का फैसला किया गया। ये दोनों पार्टियां बिहार विधानसभा का चुनाव महागठबंधन के साथ लड़ेंगी।
गौरतलब है कि पशुपति पारस के भतीजे चिराग पासवान एनडीए के साथ हैं। पशुपति पारस के राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के गठबंधन में शामिल होने से चिराग के वोट आधार पर असर होगा। पारस के साथ पूर्व सांसद सूरजभान सहित कई सवर्ण नेता भी हैं, जिनका लाभ महागठबंधन को मिलेगा। इसी तरह भागलपुर, बांका, मुंगेर जैसे झारखंड से सटे इलाकों में झारखंड मुक्ति मोर्चा का आधार है। हेमंत सोरेन के साथ आने से यह वोट महागठबंधन से जुड़ सकता है।
महागठबंधन में पहले से छह पार्टियां हैं। दो और पार्टियों के साथ आने के बाद सीटों का बंटवारा कैसे होगा यह देखने वाली बात होगी। बहरहाल, तेजस्वी यादव के साथ उनके आवास पर हुई बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इन दोनों पार्टियों के गठबंधन में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी बिहार में ‘इंडिया’ ब्लॉक के साथ मिलकर लड़ेंगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक माहौल में हुई। उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘बहुत हद तक हम लोगों ने सीट शेयरिंग का फार्मूला तय कर लिया है। ज्यादातर सीटों पर बातचीत हो गई है और बहुत जल्दी हम लोग अंतिम नतीजे पर पहुंच जाएंगे’। उन्होंने कहा कि गठबंधन के नए दल शामिल हो रहे हैं। उन दोनों नए दल को भी सीट देनी है। इसीलिए हर पार्टी सीट देने के लेने के मामले में समझौता करेगी।