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ज्यादातर विपक्षी दल संसद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए तैयार

नई दिल्ली। ज्यादातर विपक्षी दलों ने मंगलवार को फैसला किया कि वे संसद (Parliament) की कार्यवाही में भाग लेंगे लेकिन अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी JPC) गठित करने की मांग उठाते रहेंगे। राज्यसभा (Rajya Sabha) में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के, संसद भवन स्थित कक्ष में 15 दलों के नेताओं ने बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की।

सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति की राय है कि अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा से पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट के अनुसार, हम भारत के लोगों से जुड़े मुद्दों पर संसद में खुलकर, निष्पक्ष और पूर्ण चर्चा के पक्ष में हैं। विपक्षी दल संसदीय कार्यवाही में भाग लेंगे और एलआईसी एवं सार्वजनिक बैंकों के जबरन कराए गए निवेश की जांच के लिए जेपीसी की मांग उठाते रहेंगे।

बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ज्यादातर विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे और अडाणी महाघोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग उठाते रहेंगे। बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), आम आदमी पार्टी और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

बैठक से पहले रमेश ने आरोप लगाया था कि सरकार ने संसद में मौजूदा गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा था कि विपक्ष चाहता है कि संसद चले, लेकिन मोदी सरकार डरी हुई है।

दरअसल, सोमवार को ही ऐसे संकेत मिले थे कि संसद के दोनों सदनों में पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा गतिरोध मंगलवार को खत्म हो सकता है तथा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो सकती है क्योंकि सरकार ने सोमवार को विपक्ष के साथ संपर्क साधा था।

संसद में विपक्ष द्वारा अडाणी समूह से जुड़े घटनाक्रम की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग पर जोर दिए जाने के कारण जारी गतिरोध सोमवार को भी कायम रहा और दोनों सदनों की बैठक को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था।

पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी इसी मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा था। संसद का बजट सत्र गत मंगलवार, 31 जनवरी को शुरू हुआ था और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ था। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का आम बजट पेश किया था। (भाषा)

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