राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी उत्सव मनाने का कारण और विशेष महत्व…

Dahi Handi 2024

Dahi Handi 2024: जन्माष्टमी के अगले ही दिन नंदोत्सव और दही हांडी का उत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. नंद बाबा के घर पर कान्हाजी का जन्म होने के कारण नंदोत्सव मनाया जाता है. इसी के साथ दहीहांडी का पर्व भी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दही हांडी उत्सव महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य भारतीय राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यह भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की याद में मनाया जाता है, खासकर उनकी एक प्रसिद्ध लीला माखन चोर के रूप में यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन मनाया जाता है. दही हांडी फोड़ने की परंपरा की शुरुआत के बारे में बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं.

माना जाता है भगवान कृष्ण ने बाल रूप में इंद्र देवता के प्रकोप से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. इस घटना के बाद, गोपियों ने कृष्ण की प्रशंसा में दही हांडी लगाई और युवाओं को उसे फोड़ने के लिए चुनौती दी. माना जाता है उसके बाद से ही धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे क्षेत्र में फैल गई और उस खास दिन को दही हांडी पर्व के रूप में मनाया जाने लगा.

also read: कब है अजा एकादशी का व्रत, जानें व्रत का सही नियम और महत्व

जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी उत्सव

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस त्योहार के दौरान, भारत के विभिन्न हिस्सों में कई तरह की धार्मिक और सांस्कृतिक प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. हर साल कृष्ण जन्मोत्सव के अगले दिन दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है. इस साल 27 अगस्त को दही हांडी का उत्सव है.

दही हांडी पर्व का महत्व

दही हांडी फोड़ना भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. दही हांडी के आयोजन में उत्साह और खुशी का माहौल रहता है. इस पर्व का मुख्य आकर्षण हांडी को ऊंचाई पर लटकाना और उसे तोड़ने की कोशिश करना होता है. इस हांडी में दही, मक्खन, या अन्य मिठाइयां भरकर एक ऊंचाई पर लटका दिया जाता है. यह पर्व भगवान कृष्ण की उस बाल लीलाओं का प्रतीक है, जब वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऊंचाई पर लटके हुए मटके को तोड़ते थे, ताकि माखन और दही को चुराया जा सके. यह पर्व आपसी प्यार, सहयोग और सामाजिक मेलजोल और एकता का प्रतीक भी माना जाता है.

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें