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31-07-2025 Vol 19

पहलगाम की चर्चा में कांग्रेस पर निशाना

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नई दिल्ली। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा में भाजपा और सरकार के निशाने पर कांग्रेस ही रही। चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जम कर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को असुरक्षित बना कर रख दिया था। उन्होंने ऑपरेशन महादेव का जिक्र भी किया, जिसमें पहलगाम कांड को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। शाह ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकियों ने जो नुकसान किया, उसके जवाब में भारत सरकार और सेना ने मजबूत जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया।

राज्यसभा में दो दिन तक चली बहस का जवाब देते हुए बुधवार की शाम को अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला किया और कहा, ‘कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ लाए गए कानून पोटा का विरोध किया। कांग्रेस ने किसे बचाने के लिए इसका विरोध किया’? भाजपा और अटल जी का संकल्प था। संयुक्त सत्र में इसे पारित किया गया’। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘पहली कैबिनेट में भी कांग्रेस ने पोटा रद्द किया। और ये आतंकवाद की बात करते हैं। ये टेररिस्ट की मदद करने वाली पार्टी है’।

अमित शाह ने देश के कई शहरों में हुए बम धमाकों की के बारे में बताते हुए कहा, ‘कांग्रेस की सरकार में जयपुर, हैदराबाद, दिल्ली में हुए बम धमाकों में सैकड़ों लोग मारे गए। एक भी साल ऐसा नहीं रहा जब आतंकियों ने बम धमाके नहीं किए हों। 2014 तक कांग्रेस ने क्या किया। अब क्यों सवाल खड़े कर रहे हैं’। उन्होंने कहा, ‘देश के अलग अलग हिस्सों में 609 लोग बम धमाकों में मारे गए। मोदी के राज में जम्मू कश्मीर छोड़कर पूरे देश में कहीं भी बम धमाके नहीं हुए। घर में घुसकर परखच्चे उड़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है’।

जम्मू कश्मीर में हुए सुधारों की बात करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘हमने जम्मू कश्मीर में 40 हजार नौकरियां दीं। मोदी सरकार में वहां नगर पंचायत के चुनाव में 98 फीसदी वोटिंग हुई। विधानसभा चुनाव में 58 फीसदी वोटिंग हुई। एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए नगर पंचायत को दिया गया। 2014 से शुरू हुआ मंथन का असर है कि आज घाटी से आतंकवाद खत्म होने की कगार पर है’।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की बात का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, ‘चिदंबरम ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक था। वे अभी यहां मौजूद नहीं हैं, लेकिन मैं उन्हें जवाब देना चाहूंगा। क्या 1965 और 1971 के युद्ध निर्णायक थे? अगर हां, तो आतंकवाद क्यों फैलता रहा? जब तक दुश्मन डरेगा या सुधरेगा नहीं, तब तक उसका निर्णायक अंत नहीं होगा। इतने सालों में उन्हें डराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे क्यों डरेंगे’? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ‘मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता’।

NI Desk

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