नई दिल्ली। अमेरिका के अरबपति कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को भारत में सेटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवा देने का लाइसेंस मिल गया है। स्पेसएक्स की स्टारलिंक सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में शुरू करने के लिए दूरसंचार विभाग ने लाइसेंस जारी कर दिया है। मस्क की कंपनी काफी समय से इसके लिए प्रयास कर रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी रहे मस्क उनसे अलग हो गए हैं और दोनों के बीच सोशल मीडिया में जंग छिड़ी है। इस बीच भारत ने उनकी कंपनी को लाइसेंस जारी किया है।
संचार विभाग से लाइसेंस मिलने के बाद कंपनी को इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर यानी, यानी इन स्पेस से मंजरी लेनी होगी। इस मंजूरी के साथ कंपनी को स्पेक्ट्रम आवंटित होगा। स्टारलिंक से पहले भारत में सेटेलाइट इंटरनेट सेवा देने के लिए वनवेब और रिलायंस जियो को मंजूरी मिली थी। बताया जा रहा है कि भारत की दोनों बड़ी निजी संचार कंपनियां रिलायंस जियो और एयरटेल मस्क की कंपनी की इंटरनेट सेवा भारत के ग्राहकों को मुहैया कराएंगे।
गौरतलब है कि स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सेटेलाइट्स के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा देता है। इसके लिए मस्क की कंपनी ने पृथ्वी का कक्षा में हजारों सेटेलाइट छोड़े हैं। इनके जरिए इंटरनेट सेवा की खास बात यह है कि जंगल, पहाड़ और दूरदराज के इलाकों में जहां केबल नहीं पहुंचा है वहां भी इसके जरिए तेज रफ्तार इंटरनेट सेवा मिल सकेगी। बताया जा रहा है कि स्टारलिंक 2022 से इसके लिए कोशिश कर रही थी, लेकिन सुरक्षा चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डाटा सुरक्षा और कॉल इंटरसेप्शन की शर्तें रखी थीं। बताया जा रहा है कि स्टारलिंक ने इन शर्तों को मान लिया है। उसके बाद मई 2025 में कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट मिला और अब लाइसेंस मिल गया।