उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा जिस अंदाज में हुआ है वह सचमुच चौंकाने वाला है। हालांकि ऐसा नहीं है कि इस्तीफे का फैसला उसी समय हुआ, जिस समय दिया गया। बहुत सोच समझ कर संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद इस्तीफा हुआ ताकि इस पर अधिकतम अटेंशन बने। इससे क्या हासिल होगा यह बाद में पता चलेगा। लेकिन इस्तीफे के बाद कुछ बहुत दिलचस्प अटकलें सुनने, देखने और पढ़ने को मिली। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक की राजनीति के म्यूजिकल चेयर को इससे जोड़ा गया और साथ ही न्यायपालिका की नाराजगी से लेकर महाभियोग का पहलू भी इसमें शामिल है। हालांकि हो सकता है कि ये तमाम अटकलें दूर की कौड़ी हों लेकिन हैं दिलचस्प। एक बात यह भी है कि कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर रहा है कि इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ है।
पहली अटकल, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पहली अटकल बिहार से आई। अचानक बिहार में चर्चा होने लगी कि नीतीश कुमार को दिल्ली भेजा जा रहा है। वे उप राष्ट्रपति होंगे और उनकी जगह भाजपा का कोई नेता बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा। यह भी कहा गया कि भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ नीतीश के बेटे निशांत को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को उम्र और सेहत के आधार पर पार्टी और सरकार दोनों के एक साथ संचालन से अलग होने और बेटे को आगे लाने की सलाह दी थी। हालांकि नीतीश कुमार को उप मुख्यमंत्री बनाने में दो समस्याएं हैं। पहली तो यह कि वे जिस मानसिक अवस्था में हैं उसमें राज्यसभा का संचालन नहीं कर सकते हैं और दूसरे, उनको बिहार से हटाने का चुनाव में राजनीतिक नुकसान हो सकता है।
दूसरी अटकल, बिहार के बाद अटकलों की गाड़ी उत्तर प्रदेश पहुंची। कहा गया कि नीतीश नहीं बनेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश की सत्ता में बदलाव होना है इसलिए उप राष्ट्रपति का इस्तीफा हुआ है। इस अटकल के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाना है उससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उप राष्ट्रपति बना कर ठाकुर समाज को एक संदेश दिया जाएगा और फिर योगी को दिल्ली लाया जाएगा और उत्तर प्रदेश में कोई पिछड़ा नेता मुख्यमंत्री बनेगा। इस बदलाव का असर बिहार के चुनाव पर भी होगा। गौरतलब है कि दो तीन दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे।
तीसरी अटकल, कहा जा रहा है कि न्यायपालिका से बहुत ज्यादा विवाद बढ़ाने की वजह से उनका इस्तीफा हुआ है। ध्यान रहे जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलने के बाद से जगदीप धनखड़ ने कई बार यह सवाल उठाया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई। उन्होंने इसके लिए सर्वोच्च अदालत के एक फैसले को दोष दिया। राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों पर फैसला करने की समय सीमा तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भी उन्होंने आलोचना की थी और संसद को सर्वोच्च बताया था। पिछले दिनों चीफ जस्टिस बीआर गवई ने खुल कर कहा कि संसद या न्यायपालिका सर्वोच्च नहीं है, बल्कि संविधान सर्वोच्च है। सोमवार, 21 जुलाई को ही चीफ जस्टिस बीआर गवई ने ईडी के ऊपर जैसी टिप्पणी की वह सरकार को बहुत असहज करने वाली थी। ध्यान रहे न्यायपालिका से पंगा बढ़ाने की वजह से ही किरेन रिजिजू की कानून मंत्रालय से विदाई हुई थी। एक चौथी अटकल भी है, जो बहुत वाइल्ड है लेकिन इसके मुताबिक सरकार धनखड़ के खिलाफ महाभियोग लाने वाली थी और इसके लिए सदस्यों के दस्तखत जुटाए जा रहे थे। इसलिए उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। एक पांचवीं अटकल एस जयशंकर को लेकर है। उनको उप राष्ट्रपति बनाने की बात भी चल रही है। अगले साल दक्षिण के दो राज्यों में चुनाव हैं।