रायबरेली। चंडीगढ़ में सुसाइड करने वाले दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिजनों से मिलने के दो दिन बाद राहुल गांधी शुक्रवार को अपने चुनाव क्षेत्र रायबरेली पहुंचे, जहां उन्होंने मॉब लिंचिंग में मारे गए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की। फतेहपुर में साथ राहुल ने करीब आधे घंटे तक हरिओम के माता और पिता के साथ भाई और बहन से बातचीत की।
परिवार से मिल कर बाहर निकलने पर राहुल ने कहा, ‘परिवार को घर में बंद कर रखा है, इन्हें डराया जा रहा है। आज सुबह सरकार ने परिवार को मुझसे न मिलने की धमकी दी। जबरन वीडियो बनवाया। इसकी जानकारी परिवार ने मुझे दी। परिवार मुझसे मिले या न मिले, यह जरूरी नहीं है, बल्कि जरूरी यह है कि जो अपराधी हैं, उनके खिलाफ एक्शन हो’। राहुल ने आगे कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं, इन्हें न्याय दीजिए, इनका सम्मान कीजिए। जो अपराधी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कीजिए और उनकी रक्षा करने का प्रयास मत कीजिए। मैंने आज यहां आकर इनसे बातचीत की, इनका दर्द और दुख सुना’।
असल में, राहुल गांधी के फतेहपुर पहुंचने से करीब एक घंटे पहले हरिओम के भाई शिवम वाल्मीकि ने परिवार के साथ वीडियो जारी किया था। उन्होंने कहा था, ‘राहुल गांधी राजनीति करने न आएं। हम सरकार से संतुष्ट हैं’। गौरतलब है कि दो अक्टूबर को फतेहपुर के हरिओम की रायबरेली में चोरी के शक में पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके दो दिन बाद चार अक्टूबर को एक और वीडियो सामने आया, जिसमें मार खाते हुए युवक राहुल गांधी का नाम लेता है। इस पर भीड़ में से एक व्यक्ति कहता है, यहां सब ‘बाबा’ वाले हैं।
बहरहाल, राहुल की मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने राहुल और हरिओम के परिवार के बीच हुई मुलाकात की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी किया। इसमें हरिओम वाल्मीकि के परिजन कह रहे हैं कि उन्हें घर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि राहुल गांधी ने हरिओम वाल्मीकि की तस्वीर मंगाई तो मां तस्वीर लेकर आईं और राहुल के सामने जमीन पर लेट गईं। हरिओम की बहन ने कहा कि उन्हें राहुल से मिलने से रोका जा रहा था पर उन्होंने कहा कि चाहे उनकी जान चली जाए लेकिन वह मिलेंगी जरूर। राहुल ने कांग्रेस नेताओं को परिवार को कानूनी मदद देने का निर्देश दिया।


