nayaindia Manish Tiwari कमलनाथ के बाद मनीष तिवारी उड़ान भरने की तैयारी में...!

कमलनाथ के बाद मनीष तिवारी उड़ान भरने की तैयारी में…!

भोपाल । भारत को आजादी दिलाने वाले देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस का ‘सूर्यास्त’ निकट है, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवरी भी कांग्रेस को ‘अलविदा’ कहने की तैयारी कर चुके है, ये नेता पिछले पांच दशक से कांग्रेस को अपने सिर पर ढोने के बाद अब उसे कंधा देने को उत्सुक है। कमलनाथ अकेले नहीं उनके साथ एक दर्जन कांग्रेसी विधायक, जिलाध्यक्ष तथा करीब एक हजार कट्टर समर्थक भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की तैयारी कर चुके है, जहां तक दूसरे नेता मनीष तिवारी का सवाल है, वे पार्टी के वरिष्ठतम नेता नारायण दत्त तिवारी के सुपुत्र है तथा केन्द्र में मंत्री, सांसद, प्रदेश पदाधिकारी रहे है, उनके समर्थकों की भी बड़ी फौज कांग्रेस को ‘अलविदा’ कहने की तैयारी मंे है।

‘रशिया विदाउट नवेलनी’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अचानक हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिए जाने और राज्यसभा सीट न मिलने से कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से काफी नाराज थे और वे येन-केन-प्रकारेण अपने अपमान का बदला लेना चाहते थे, जिसके लिए अब उन्होंने यह रास्ता चूना। अब तक मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दो ही प्रमुख नेता शेष बचे थे, एक दिग्विजय सिंह और दूसरे कमलनाथ…. और आपसी दोस्ती का दम भरने वाले इन दोनों नेताओं के बीच कुछ मसलों पर अर्न्तद्वन्द कुछ समय से चल रहा था, दोनों ही अपने पुत्रों को कांग्रेस में स्थापित करना चाहते थे, लेकिन उनके प्रयासों को मजबूती नहीं मिल पा रही थी, इसलिए अब कमलनाथ जी अपने साथ अपने पुत्र नकुलनाथ को भी भाजपा में ले गए।

अब मध्यप्रदेश कांग्रेस पर एक मात्र वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का ही वर्चस्व रहेगा, जो कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य भी है। अब कमलनाथ जी के भाजपा में जाने का प्रदेश की समूची राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? इसका कई स्तरों पर आंकलन किया जा रहा है, कमलनाथ जी पिछले कुछ दिनों से अपने गृहक्षेत्र छिंदवाड़ा में थे, जहां से उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज को चुनावी मैदान में उतारने की भाजपा तैयारी कर रही थी, कमलनाथ ने अपनी दल बदलने की सोच अपने क्षेत्र के मतदाताओं को सहमत करने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन फिर भी मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग कमलनाथ के इस फैसले से खुश नहीं बताया जा रहा है। अब जो भी हो, कमलनाथ जी भाजपा में तो आ ही गए, अब उन्हें भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस को अपने भाषणों में कोसने की आदत डालनी पड़ेगी, जिसके लिए आज के राजनेता काफी माहिर बताए जाते है और भाजपा में उनका भविष्य क्या होगा? यह भी भविष्य के गर्भ में है।

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