nayaindia Loksabha election 2024 लोकसभा का लेखा-जोखा

लोकसभा का लेखा-जोखा

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब भाजपा सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लिए लेखा-जोखा कर रही है और चोखे प्रत्याशियों की तलाश में जुट गई है क्योंकि विधानसभा चुनाव के परिणाम देखें तो जहां पांच लोकसभा क्षेत्र में भाजपा पिछड़ा गई है वहीं 5 सीटों पर भाजपा की बढ़त लोकसभा चुनाव की अपेक्षा कम हो गई है। इस कारण पार्टी जीतने वाले प्रत्याशियों की तलाश में जुट गई है। इसके लिए कुछ राज्यसभा के सांसदों को भी लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। वहीं कुछ ऐसे विधायक जिन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है उन्हें भी लोकसभा में भेजा जा सकता है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव परिणामों को यदि लोकसभा के हिसाब से देखें तो भाजपा छिंदवाड़ा में 97646, मुरैना में 6376, भिंड में 6904, ग्वालियर में 23250 और मंडला में 16080 वोटों से पिछड गई है। छिंदवाड़ा लोकसभा में सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीतने में सफल हुई जबकि भाजपा इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा जीतने का लक्ष्य साधे हुए हैं। कुछ इसी तरह भाजपा की 5 सीटों पर कांग्रेस से जीत का अंतर कम हो गया है। टीकमगढ़ लोकसभा 2019 में भाजपा ने 3,48,000 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीती थी लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान टीकमगढ़ लोकसभा में भाजपा की बढ़त केवल 75,353 बची है। इसी तरह बालाघाट लोकसभा में 3,506 धार लोकसभा में 4,076 खरगोन लोकसभा में 1,548 और रतलाम लोकसभा में 23,595 की बढ़त बची है।

बहरहाल, प्रत्येक चुनाव की तासीर अलग होती है और लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में मुद्दों नेतृत्व को लेकर भी काफी अंतर होता है। 2018 में कांग्रेस के 114 विधायक जीते थे लेकिन 6 महीने बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मुश्किल से एक दर्जन विधायक ही अपने क्षेत्र में बढ़त बना पाए थे और भाजपा ने 28 लोकसभा जीतने में सफलता हासिल की थी। एक बार फिर भाजपा ने सभी 29 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य साधा है और इसके लिए विधानसभा की तर्ज पर चौंकाने वाले प्रत्याशी भी मैदान में पार्टी उतार सकती है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उम्र का भी मापदंड नहीं रखा था और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को विधानसभा का चुनाव लड़वाया और उस रणनीति में पार्टी को सफलता भी मिल गई। अब लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अलग तरह की रणनीति बना रही है जिसमें राज्यसभा के कुछ सांसदों को लोकसभा का चुनाव लड़वाया जा सकता है। जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और कविता पाटीदार के नाम सामने आ रहे हैं। इसी तरह कुछ विधायकों को भी लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है जिन्हें मंत्री नहीं बनाया जा सका है कुछ सांसदों के टिकट काटे जाने की भी चर्चा है।

कुल मिलाकर प्रदेश में सभी 29 लोकसभा सीटे जीतने के लिए भाजपा के रणनीतिकार गुणा भाग में जुट गए हैं। इसके लिए एक तरफ मंत्रियों को लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप जाएगी तो वहीं दूसरी ओर लाभार्थियों को पार्टी से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी फिर से 10 पर्सेंट वोट बढ़ाने की बात कर रही है और इस तरह के प्रत्याशियों को मैदान में उतर जाएगा। जिससे भाजपा का न केवल वोट प्रतिशत बढ़े बल्कि सभी 29 लोकसभा सीटे भी जीती जा सके। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी सरकार की तरफ से माहौल बनाने के लिए जुट गए हैं। एक तरफ जहां उन्होंने बस दुर्घटना में टॉप टू बॉटम कार्रवाई की वहीं ड्राइवर से औकात की बात करने पर कलेक्टर को तुरंत हटा दिया और मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक की शुरुआत जबलपुर से हो चुकी है। आगामी दिनों ग्वालियर उज्जैन इंदौर में भी बैठकें होंगी जिससे कि वहां पर एक माहौल बनाया जा सके।

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