Mohan Bhagwat: लोग इस बात पर हैरान हैं कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसा क्यों कहा कि देश को सच्ची आजादी 22 जनवरी 2024 को मिली थी, जिस दिन अयोध्या में भव्य राममंदिर का उद्घाटन हुआ था?
हालांकि उनके कहे का मतलब कुछ और था। वे 15 अगस्त 1947 की आजादी का भी जिक्र कर रहे थे। लेकिन उसे अंग्रेजो से राजनीतिक आजादी मान रहे थे।
उनके ऐसा मानने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। कह सकते हैं कि उन तमाम लोगों को भागवत की बात से ज्यादा दिक्कत है, जो यह मानते हैं कि भारत दो सौ साल के करीब गुलाम रहा और फिर कांग्रेस की लड़ाई से आजादी मिली।
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यह वर्ग उन लोगों का है, जो अंग्रेजों से पहले के बाहरी लोगों के शासन को गुलामी नहीं मानते थे।
जबकि जो दिल्ली सल्तनत या मुगल काल को भारत की गुलामी का काल मानते थे वे भारत की गुलामी की अवधि पांच सौ साल से लेकर एक हजार साल तक का बताते हैं।
मोहन भागवत का इशारा उसकी ओर था। उन्होंने कहा कि अनेक शतकों से परतंत्रता झेलने वाले भारत को स्वतंत्रता उसी दिन मिली जिस दिन रामलला विराजमान हुए।
वे एक बिल्कुल अलग स्थितियों की व्याख्या कर रहे थे। वे हिंदुओं की धार्मिक व आध्यात्मिक मुक्ति की बात कर रहे थे।(Mohan Bhagwat)
गौरतलब है कि संघ परिवार और भाजपा की ओर से बरसों से कहा जा रहा है कि रामलला पांच सौ साल से प्रतीक्षा कर रहे थे। उस प्रतीक्षा के खत्म होने की बात भागवत नहीं कही।
आजादी के अमृत महोत्सव का ऐलान
लेकिन ऐसा नहीं है कि 15 अगस्त 1947 की आजादी को कमतर करने का प्रयास देश में नहीं चल रहा है।
पिछले 10 साल से बहुत व्यवस्थित तरीके से भारत को लंबे संघर्ष के बाद मिली आजादी का मान घटाने का अभियान चल रहा है।
खुद प्रधानमंत्री मोदी तो हर साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं और मानते हैं कि आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी।
उसी आजादी के 75 साल हुए तो मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का ऐलान किया और पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया गया।
उनकी सरकार के तमाम मंत्री और पार्टी के तमाम पदाधिकारी भी बड़ी शान से तैयार होकर लाल किले पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होते हैं। लेकिन उसके बाद जब भी मौका मिलता है तब इस आजादी का मान घटाने वाले बयान देते हैं।
भाजपा की सरकार बनना देश की असली आजादी(Mohan Bhagwat)
संघ प्रमुख के बयान से पहले हिंदी फिल्मों की एक अभिनेत्री, जो अब भाजपा की एक नेता और सांसद हैं उन्होंने कई बार कहा कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली, जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।
उसके पहले भी भाजपा की सरकार बनी थी और अटल बिहारी वाजपेयी लगातार छह साल तक प्रधानमंत्री रहे थे। लेकिन तब भाजपा की सरकार बनना देश की असली आजादी नहीं थी।
उनसे भी पहले उत्तर प्रदेश भाजपा की एक महिला नेता और प्रवक्ता रूचि पाठक ने 2022 में एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि भारत को पूरी तरह से आजादी मिली ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत को एक लिखित समझौते के तहत 99 साल की लीज पर आजादी मिली है। यानी भारत को अस्थायी आजादी मिली है। इसके लिए उनको बहुत ट्रोल किया गया।(Mohan Bhagwat)
लेकिन भाजपा के इकोसिस्टम में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो इस बात को सही मानते हैं। भाजपा के नेता यह भी कहते हैं भारत को 1947 में जो आजादी मिली थी वह कोई आजादी नहीं थी। वह तो भीख में अंग्रेज देकर चले गए थे।
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