nayaindia Rahul Gandhi disqualified कुछ मोदी की ‘मानहानि’ जुर्म, पर सरकारों को भ्रष्ट बताना तो राजनीति है...
Columnist

कुछ मोदी की ‘मानहानि’ जुर्म, पर सरकारों को भ्रष्ट बताना तो राजनीति है…

Share

भोपाल। कुछ अपराधियों का सरनेम मोदी होने कहने पर– मैजिस्ट्रेट से लेकर सेशन जज और और न्ययमूर्तियों तक ने राहुल गांधी को मानहानि का अपराधी घोषित कर दिया और सज़ा भी आधिकतम सुनाई “दो वर्ष कारावास” ! और उधर प्रधानमंत्री अपनी सरकारी खर्चे से आयोजित इवैंट में बीकानेर और हननकोंडा में कांग्रेस और भारतीय राजनीति समिति की सरकारों को भ्रष्ट और बेईमानी का साझेदार बताया (जैसा की अखबारों में छपा)। यह कह कर क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन राज्यों के मतदाताओं की मानहानि नहीं की है जिन्होंने इन सरकारों चुना। अब यह एक डिबेट का मुद्दा है कि चंद मोदी सरनेम के व्यक्तियों इज्ज़त हताक हो गयी क्यूंकि राहुल गांधी ने कह दिया था कि एक अपराध के दोषियों का सरनेम एक कैसे ?

मान लीजिये देश – विदेश में मिलकर कोई दस लाख मोदी होंगे – जिनकी भावनाओं को गुजरात के बीजेपी विधायक नुमाइंदगी कर रहे हैं, तब क्या राजस्थान के करोड़ों मतदाताओं का यह अपमान नहीं है कि उनके द्वारा चुनी सरकार को नरेंद्र मोदी जी बेईमान – झूठा वादा करने वाले – और यहां तक कि मंत्रिमण्डल के सदस्यों को भ्रस्टाचार के लिए झगड़ने और मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के लिए तो कह दिया कि वे – राज्य की जनता के हितों से अधिक अपने पुत्र के भविष्य के लिए चिंतित है। (अब यह और बात है की मोदी जी के कोई लड़का नहीं है, पर होता तो क्या दधीचि की भांति वे पुत्र को छोड़ देते !) अब इस कथन से क्या राजस्थान के उन मतदाताओं का अपमान नहीं हुआ – जिन्होंने गहलौत सरकार को चुना? इसी प्रकार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.सी. राव की सरकार को भी आप जैसी भ्रष्ट पार्टी से बेईमानी में हाथ मिलने का आरोप लगाया – बिलकुल उसी तरह सार्वजनिक रूप से जैसे कि राहुल गांधी ने देश से बैंकों का पैसा लेकर विदेश भाग जाने वालों का नाम एक समान होने की बात कही थी!

राहुल गांधी के कथन को न्याय व्यवस्था ने अपमानजनक माना और प्रथम अपराध पर अधिकतम सज़ा सुनाई – सूरत से लेकर अहमदाबाद तक में ! भाई अगर एक सरनेम के लोगों का इस बात से अपमान होता है कि उन्हें भी उस जैसा बताने का अपराध हुआ है तब यहां तो उन सभी मतदाताओं का अपमान हुआ है जिन्होंने अपने प्रदेश में बीजेपी को वोट ना देकर उनके विरोधी को वोट देकर सरकार बनाने का काम किया है –जिसे प्रधानमंत्री वादा खिलाफ़ों और भ्रष्टों की सरकार बता रहे हैं।

2. उधर कर्नाटक में जहां बीजेपी को हटा कर कांग्रेस की सरकार का चयन मतदाताओं ने किया उसे भी झूठों की सरकार बताया। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विजयनगर जिले के हरपनपल्ली नगर के आईबी सर्किल में एक चुनाव सभा में प्रचार के दौरान कथित रूप से कहा था कि अगर बीजेपी सरकार हार जाती है तब – मतदाता केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाएँगे। ! यह भाषण 7 मई 2023 को दिया गया था। नड्डा के बयान को लेकर एक याचिका हाइकोर्ट में लगयी गयी। जिसकी जांच की जा रही थी। नड्डा की ओर से उनके विरुद्ध जांच की कार्रवाई को रोकने का प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय में लगाया गया। जिस पर जस्टिस नगरट्टना ने जांच पर 21 जुलाई तक रोक लगा दी ! अब यह निर्णय कुछ समझ में नहीं आया।

3. अब यह निर्णय तब हैं जबकि कर्नाटक के एक मंत्री को फाइल पर अनुमति देने के लिए 40% कमीशन लेने का आरोप को लेकर राज्य के ठेकेदारों ने हड़ताल और प्रदर्शन भी किया था। संबन्धित मंत्री को इस जन आक्रोश के चलते इस्तीफा तक देना पड़ा था। एक अन्य बीजेपी नेता के घर से करोड़ों रुपये बरामद हुए थे। उन्हें भी पद त्याग करना पड़ा। अब बीजेपी की सरकार भ्रष्ट नहीं थी और काँग्रेस सरकार के पाँच वादों को प्रधानमंत्री झूठ बता रहे है। !

क्या अब भी न्यायालय सिर्फ राहुल गांधी को ही मानहानि का दोषी मानेगी और इन सब उदाहरणों को राजनीति ही।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें