बिहार में महागठबंधन भले हार गया है और उसका नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव को लेकर 10 तरह के सवाल उठ रहे हैं लेकिन उससे अलग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बड़ी और सकारात्मक ब्रांडिंग हो रही है। सोशल मीडिया में राजद का इकोसिस्टम भी अखिलेश की तारीफों के पुल बांध रहा है तो सपा के प्रवक्ता व नेता तो उनका प्रचार कर ही रहे हैं। कहा जा रहा है कि बिहार में उनकी पार्टी को महागठबंधन की ओर से एक भी सीट नहीं दी गई थी फिर भी अखिलेश ने दो दर्जन से ज्यादा रैलियां कीं। वे हेलीकॉप्टर लेकर बिहार के अलग अलग हिस्सों में प्रचार करने पहुंचे थे। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने महागठबंधन की एकजुटता बनाए रखने के लिए भी काम किया।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक को एकजुट रखने में भी उनकी भूमिका की तारीफ की जा रही है। हरियाणा की याद दिलाई जा रही है, जहां कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी फिर भी उन्होंने आम आदमी पार्टी की तरह उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस को कमजोर करने का काम नहीं किया। अब खबर है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी अखिलेश के संपर्क में हैं। दोनों की जल्दी ही मुलाकात हो सकती है। हालांकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तरह तमिलनाडु में यादव बहुत नहीं हैं फिर भी स्टालिन चाहते हैं कि अखिलेश वहां सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस के लिए प्रचार करें। वहां अगले साल अप्रैल में चुनाव है। ऐसा लग रहा है कि विपक्षी गठबंधन के अंदर एक नया नेता बनाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस के नेता इससे अलर्ट हुए हैं।


