बिहार विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक, जिसे बिहार महागठबंधन कहते हैं, उसकी पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। उससे पहले कांग्रेस उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग कर रही है और मंगलवार को तो दिल्ली में चर्चा हो रही थी कि कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुला ली है। हालांकि बाद में कहा गया कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं हुई है लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बिहार के नेताओं के साथ सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया। इस बैठक में शामिल एक जानकार नेता ने कहा कि पार्टी अभी तक 70 सीटों पर अड़ी हुई है। गौरतलब है कि कांग्रेस पिछले चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी लेकिन सिर्फ 19 जीत पाई थी।
राजद का कहना है कि पिछली बार मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी गठबंधन में नहीं थी। इसके अलावा पशुपति पारस और हेमंत सोरेन की पार्टी को भी जोड़ा गया है। राजद की ओर से यह भी कहा गया है कि कांग्रेस ने 70 सीटें लड़ कर सिर्फ 19 जीती। इसके जवाब में कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा में उसने नौ सीटों पर लड़ा और तीन जीती और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा की तस्वीर लगा कर लड़े। यानी 10 में से चार सीट कांग्रेस जीती, जबकि राजद 27 में से चार जीती। कांग्रेस ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई वोटर अधिकार यात्रा से जमीनी स्तर पर माहौल बदला है। अगर कांग्रेस 55 सीटों तक नहीं आती है तो महागठबंधन में सीट बंटवारा मुश्किल होगा।