ऐसा लग रहा है कि जैसे देश के पूरे विपक्ष को वोट चोरी की एक आड़ मिल गई है, जिसके पीछे वे अपनी हार और कमजोरी के असली कारणों को छिपा रहे हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे से लेकर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सब कह रहे हैं कि बिहार में वोट चोरी के काऱण महागठबंधन हारा है और एनडीए की जीत हुई है। पता नहीं विपक्ष नेता सिर्फ ऐसा कह रहे हैं या ऐसा मान भी रहे हैं! बहरहाल, सबूत के तौर पर साजिश थ्योरी है या कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने जो सबसे बड़ा सबूत पेश किया वह है। सुप्रिया श्रीनेत ने एक पत्रकार की वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें पत्रकार ने कहा कि वे दिल्ली में भाजपा कार्यालय में एक नेता से मिले थे, जिसने कहा कि उसने इस चुनाव में दो बार वोट डाला।
सोचें, किसी व्यक्ति ने एक पत्रकार के सामने कहा कि उसने दो बार वोट डाला है तो इस आधार पर सुप्रिया श्रीनेत का दावा है कि बिहार में वोट चोरी हुई है। इसी तरह राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की सांसद बेटी शाम्भवी चौधरी के दोनों हाथों की एक एक उंगली पर स्याही लगी थी इस आधार पर कहा जा रहा है कि वोट चोरी हो गया। ध्यान रहे पहले एक व्यक्ति कई जगह वोट डाल देता था लेकिन अब यह धीरे धीरे लगभग नामुमकिन होता जा रहा है। वेब कास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग ने इसे मुश्किल बना दिया है। फिर भी सुप्रिया श्रीनेत ने किसी पत्रकार की वीडियो के हवाले वोट चोरी का आरोप लगाया और जब बिहार के चुनाव कार्यालय ने उनसे सबूत देने को कहा तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग धमकी किसी और को दे वे धमकी से डरने वाली नहीं हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लगाने को अपना विशेषाधिकार मान लिया है।


