Delhi Election: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार सरकार बनाई थी। नए सिरे से विधानसभा बहाल होने के बाद पहला चुनाव 1993 में हुआ था, जिसमें भाजपा ने 49 सीटें जीती थीं और दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन जैन हवाला डायरी में नाम आने के बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा था।(Delhi Election)
उसके बाद साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने और 1998 में विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनी थीं। भाजपा ने इन तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को बच्चों को सांसद या विधायक बना कर एडजस्ट कर दिया है।
also read: पंजाब के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे केजरीवाल
भले बदनाम कांग्रेस हो(Delhi Election)
भाजपा के पहले मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना काफी समय से संगठन की राजनीति कर रहे थे। वे विधायक नहीं बन पा रहे थे। इस बार उनकी भी नाव पार लग गई।
वे मोतीनगर सीट से विधायक बन गए हैं। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को लोकसभा की टिकट दी थी और वे नई दिल्ली सीट से जीत कर सांसद बन गई हैं।
साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा दो बार से लोकसभा का चुनाव जीत रहे थे लेकिन इस बार उनको टिकट नहीं दी गई थी।(Delhi Election)
विधानसभा चुनाव में उनको नई दिल्ली सीट से लड़ाया गया और उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है।
इस तरह दिल्ली के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे या बेटी दिल्ली में ही एडजस्ट हो गए हैं। जाहिर है भाजपा भी पुराने नेताओं के बच्चों का ख्याल रखती है। भले बदनाम कांग्रेस हो!(Delhi Election)