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भाजपा का संगठन चुनाव फिर टल गया

भारतीय जनता पार्टी का संगठन चुनाव एक बार फिर टल गया दिख रहा है। पिछले महीने एक के बाद आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में संगठन चुनाव हुए। मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक नए अध्यक्ष नियुक्त हो गए। लेकिन उसके बाद फिर चुनाव की प्रक्रिया रोक दी गई। गुजरात और उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा अटकलें हैं लेकिन दोनों राज्यों में फैसला नहीं हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कब होगा यह भी किसी को पता नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि बिना औपचारिक चुनाव के ही जेपी नड्डा दूसरा कार्यकाल पूरा कर लें? उनका पहला कार्यकाल जनवरी 2023 में पूरा हुआ था और पिछले ढाई साल से वे तदर्थ व्यवस्था में अध्यक्ष बने हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्होंने जो बेंचमार्क बना दिया है उस पर कोई दूसरा जंच ही नहीं रहा है।

बहरहाल, भाजपा का संगठन चुनाव अभी स्थगित रहेगा। पहले भी कहा जा रहा था कि संसद के मानसून सत्र के बीच चुनाव नहीं होगा। लेकिन अब दो अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा हो गई है। दो अगस्त को सभी अखबारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरे पूरे पन्ने का विज्ञापन छपा, जिसमें हर साल की भांति इस साल भी दो से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा लगाने की अपील की गई। अब पूरी भारतीय जनता पार्टी इस अभियान में जुटेगी। हर घर तिरंगा लगाया जाएगा और उसके बाद देश भर में भाजपा के नेता तिरंगा यात्रा निकालेंगे। जाहिर स्वतंत्रता दिवस से पहले देश भर में देशभक्ति का माहौल बनाने में जब पार्टी जुटेगी तो फिर संगठन चुनाव कैसे होंगे!

संगठन चुनाव टलने का एक दूसरा कारण उप राष्ट्रपति का चुनाव है। सात अगस्त से उप राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो रही है। 21 अगस्त तक नामांकन होंगे और उसके बाद दो हफ्ते तक प्रचार के बाद नौ सितंबर को चुनाव होगा। हालांकि यह चुनाव कोई बहुत मुश्किल नहीं है। लेकिन भाजपा का नेतृत्व उप राष्ट्रपति के चुनाव को और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को मिक्स नहीं करना चाहेगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त के बाद किसी समय एनडीए के उम्मीदवार का नाम तय होगा और उसका नामांकन होगा। उससे पहले पार्टी संसद सत्र में बिजी है और दूसरे नेता हर घर तिरंगा अभियान में जुटेंगे। 15 अगस्त को हर घर तिरंगा अभियान और तिरंगा यात्रा समाप्त होने के बाद उप राष्ट्रपति का चुनाव होगा।

अब सवाल है कि क्या उप राष्ट्रपति का चुनाव खत्म होने के बाद यानी नौ सितंबर के बाद भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव होगा या उसके आगे भी चुनाव टला रहेगा? किसी के पास इसका जवाब नहीं है लेकिन कहा जा रहा है कि उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होगी। तो कहीं ऐसा न हो कि बिहार चुनाव के बहाने नड्डा की जगह नया अध्यक्ष चुनने का मामला टल जाए। ध्यान रहे जेपी नड्डा के पिता बिहार में प्रोफेसर थे और नड्डा का जन्म और शिक्षा सब बिहार में हुई है। उनका एक बिहार कनेक्शन है, जिसका फायदा उठाने के लिए उनको बनाए रखा जा सकता है। वे ब्राह्मण हैं तो बिहार में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के असर को कम करने के लिए भी उनका इस्तेमाल हो सकता है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की वजह से ब्राह्मण मतदाताओं का रूझान जन सुराज की ओर दिख रहा है।

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By NI Political Desk

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