लग रहा है कि संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से जाया होगा। पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बाद एक बार फिर दोनों सदनों में हंगामा और प्रदर्शन शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियां बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के मसले को छोड़ना नहीं चाहती हैं, बल्कि इसे और बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार जाने वाले हैं और कहा जा रहा है कि नौ अगस्त से बिहार में लगातार प्रदर्शन होने वाला है, जिसमें राहुल गांधी और राजद के नेता तेजस्वी यादव एक साथ शामिल होंगे। राहुल और तेजस्वी बिहार के अलग अलग हिस्सों का यात्रा करेंगे और यह यात्रा एक हफ्ते चलेगा। इसका मतलब है कि विपक्षी पार्टियां एसआईआर का मुद्दा नहीं छोड़ने वाली हैं।
इसी बीच राहुल गांधी चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाते रहेंगे। तभी यह माना जा रहा है कि संसद में गतिरोध बना रहेगा। विपक्षी पार्टियां मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा की मांग करती रहेंगी और सरकार ने साफ कर दिया है कि इस पर चर्चा नहीं होगी। पता नहीं क्यों सरकार इतने अहम मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती है? ध्यान रहे चुनाव आयोग बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की पार्टियों को लिखा है कि वे बूथ लेवल एजेंट्स यानी बीएलए के नाम साझा करेंगे। इसका मतलब है कि आयोग बूथ लेवल अधिकारियों यानी बीएलओ नियुक्त कर रहा है या कर चुका है और अब पार्टियों के एजेंट्स के नाम मांगे मांगे जा रहे हैं। उसके बाद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जाहिर है चुनाव आयोग पूरे देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण करने जा रहा है और विपक्षी पार्टियां इस पर आपत्ति कर रही है तो संसद में इस पर चर्चा करके विपक्ष की आपत्तियों का निवारण किया जा सकता है। लेकिन सरकार भी अड़ गई है कि वह चर्चा नहीं कराएगी। इसलिए तय मानें कि सत्र समय से पहले समाप्त होगा और आगे कोई सार्थक चर्चा नहीं होगी।


