देश में राष्ट्रवाद की भावना उफान पर है। चारों तरफ यात्राओं की धूम है। भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा चल रही है तो कांग्रेस की जय हिंद यात्रा शुरू होने वाली है। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी भी यात्रा करने वाली हैं।
दूसरी पार्टियां भी यात्रा, जुलूस या किसी तरह के कार्यक्रम की तैयारी में हैं ताकि पाकिस्तान के खिलाफ हुई सैन्य कार्रवाई से लोगों के मन में जो देशभक्ति जगी है उसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके। कोई भी पार्टी इसमें पीछे छूट जाने की जोखिम नहीं ले सकती है। इसलिए सबने अपने अपने कार्यक्रम तय किए हैं।
शुरुआत भारतीय जनता पार्टी ने की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस और दूसरी पार्टियां इस लिहाज में उलझी रहीं कि सेना की कार्रवाई पर राजनीति कैसे शुरू करें! तब तक भाजपा ने देश में भर में 11 दिन की तिरंगा यात्रा का ऐलान कर दिया। इसके बाद सबके लिए रास्ता खुल गया।
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राजनीतिक यात्राओं की रेस तेज
भाजपा की तिरंगा यात्रा देश में चल रही है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री आदि इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। इस यात्रा का मकसद देश के लोगों को यह बताना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब बदल गया है और नया भारत घर में घुस कर मारता है।
यह नैरेटिव तिरंगा यात्रा का है। इसके जवाब में कांग्रेस की जय हिंद यात्रा होने वाली है। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें इसका फैसला हुआ। जय हिंद यात्रा में कांग्रेस सरकार और भाजपा पर हमलावर होगी। अभी तक कांग्रेस ने सरकार का समर्थन किया था लेकिन जय हिंद यात्रा में वह पहलगाम कांड में खुफिया व सुरक्षा तंत्र की विफलता और युद्ध के बीच अचानक अमेरिका की ओर से सीजफायर की घोषणा को मुद्दा बनाएगी। सेना के शौर्य की तारीफ और सरकार के फैसले की आलोचना होगी।
भाजपा की तिरंगा यात्रा के बीच ही ममता बनर्जी दो दिन की यात्रा निकालेंगी। उन्होंने 17 और 18 मई को यात्रा की घोषणा की है। उसमें भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना होगी और उनका आभार जताया जाएगा।