यह कमाल की बात है कि अन्ना डीएमके से तालमेल कर लेने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि तमिल फिल्मों के सुपरस्टार और अपनी पार्टी टीवीके बना कर राज्य की राजनीति में उतरे विजय को गठबंधन में शामिल किया जाए। विजय खुद को मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं तो दूसरी ओर अन्ना डीएमके नेता ई पलानीस्वामी किसी भी हाल में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने पर राजी नहीं हैं। इसी वजह से पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम पार्टी छोड़ कर गए और एनडीए से भी बाहर हुए। टीटीवी दिनाकरण की शर्त भी यही है कि पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री का दावेदार बना कर चुनाव नहीं लड़ा जाए। पलानीस्वामी के नाम पर ही वे एनडीए छोड़ कर गए हैं। ऐसे में विजय को कैसे गठबंधन में शामिल किया जा सकता है?
लेकिन भाजपा के नेता यह प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों करूर में विजय की पार्टी की एक रैली में भगदड़ मची, जिसमें 41 लोग मारे गए। इतनी बड़ी घटना के बाद भाजपा के एक बड़े नेता विजय से बात की। बताया जा रहा है कि उन्होंने विजय को एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। इतना ही नहीं करूर की भगदड़ के बाद भाजपा के सारे नेता वहां पहुंचे। पूर्व गवर्नर तमिलिसाई सौंदर्यराजन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई और मौजूदा अध्यक्ष नयनार नागेंद्रन ने मौके का मुआयना किया। भाजपा ने दिल्ली से एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी भेजी। हालांकि किसी ने विजय के बारे में कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की। सोचें, वे विपक्षी पार्टी के नेता हैं और अलग चुनाव लड़ रहे हैं फिर भी भाजपा के नेता उनको निशाना नहीं बना रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है। हालांकि विजय इससे इनकार कर चुके हैं। यह संभव है कि उनका भाव बढ़ा कर भाजपा यह सुनिश्चित कर रही हो कि वे डीएमके को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकें।


