केरल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और भाजपा को लग रहा है कि इस बार उसका प्रदर्शन ऐतिहासिक हो सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा हुआ था। पार्टी का खाता भी खुला था और दो सीटों पर उसने कांटे की लड़ाई बना दी थी। अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद में भाजपा राज्य के ईसाई मतदाताओं को पटाने में लगी है। लेकिन इस बीच मामला बिगड़ गया छत्तीसगढ़ में, जहां दो ईसाई महिलाओं को धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों नन के साथ तीन आदिवासी महिलाएं किसी कार्यक्रम में जा रही थीं उसी समय उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना को लेकर बड़ा विवाद हुआ। कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया तो भाजपा की ओर से ऐसे मीम्स और कार्टून बने, जिनमें सोनिया व राहुल गांधी को चर्च के आगे नतमस्तक दिखाया गया। लेकिन जल्दी ही केरल भाजपा ने मुद्दा अपने हाथ में ले लिया क्योंकि दोनों नन केरल की रहने वाली थीं। केरल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने न्यायिक प्रक्रिया में लगभग दखल देते हुए पहले ही ऐलान कर दिया कि जल्दी ही दोनों ईसाई महिलाओं को जमानत मिलेगी। फिर कांग्रेस पर हमला बंद कर दिया गया और दुष्प्रचार भी थम गया। फिर दोनों महिलाओं को शनिवार को जमानत भी मिल गए। सोचें, धर्मांतरण के मामले में एक हफ्ते में दोनों महिलाओं को जमानत मिली और सबसे दिलचस्प तस्वीर यह थी कि केरल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर खुद छत्तीसगढ़ पहुंचे थे दोनों महिलाओं का स्वागत करने। जेल से बाहर आने पर चंद्रशेखर ने उनका स्वागत किया और यह संदेश बनवाया कि भाजपा ने उनकी जमानत कराई है।