कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग के खिलाफ पूरे देश में अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। मतदाता सूची से लेकर मतदान कराने तक में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए नई दिल्ली में राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और उसके बाद बेंगलूरू में जनसभा में यह मुद्दा उठाने के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि राज्यवार आंदोलन चलेगा। हालांकि यह तय नहीं है कि आंदोलन अकेले कांग्रेस करेगी या उसमें सहयोगी पार्टियों को शामिल करेगी। अभी तक तो कांग्रेस सब कुछ अकेले ही कर रही है। राहुल गांधी ने अपनी कानी उंगली पर गोवर्धन उठा रखा है। उनके इस रवैए से कई सहयोगी पार्टियां नाराज हैं लेकिन संसद के मौजूदा सत्र के बीच वे कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहती हैं। बहरहाल, कांग्रेस अगले हफ्ते देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को इसके लिए बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस के सभी महासचिव और दूसरे अनुषंगी संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक की अध्यक्षता करेंगे। राहुल गांधी की ओर से कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट के आंकड़ों के सहारे उठाए गए मुद्दों को देश भर में ले जाने की योजना बनेगी। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की कथित धांधली के साथ साथ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के मुद्दे पर भी कांग्रेस की बैठक में चर्चा होगी। कांग्रेस इस मुद्दे पर भी देश भर में प्रदर्शन करेगी। ध्यान रहे अभी यह प्रक्रिया सिर्फ बिहार में चल रही है लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है। पहले इसे उन राज्यों में लागू किया जाएगा, जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं। तभी माना जा रहा है कि एसआईआर का मसला कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में उठाएगी। तमिलनाडु में एमके स्टालिन भी इसका विरोध कर रहे हैं तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पहले ही यह मुद्दा उठा कर चुनाव आयोग का विरोध शुरू कर चुकी हैं।