मणिपुर में एक बार फिर लोकप्रिय सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। गौरतलब है कि मणिपुर में इस साल फरवरी में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया। लेकिन सरकार बनाने की संभावना जीवित रखी गई। मणिपुर की विधानसभा अभी स्थगित है। राज्य में पिछले दो साल से जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें तीन सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अभी जातीय हिंसा थमी नहीं है। ऐसे में भाजपा चुनाव कराने की जोखिम नहीं ले सकती है। लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें कांग्रेस जीत गई थी।
तभी एक बार फिर मणिपुर में लोकप्रिय सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश भाजपा के प्रभारी संबित पात्रा में इम्फाल में पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की। उन्होंने मैती और कुकी जो विधायकों से अलग अलग मुलाकात की। राज्य के ज्यादातर कुकी विधायक चुनाव चाहते हैं। लेकिन बहुसंख्यक मैती विधायक चाहते हैं कि सरकार का गठन हो और चुनाव 2027 के मार्च में ही हो। बताया जा रहा है कि सत्यब्रत सिंह और वाई खेमचंद्र सिंह के बीच जोर आजमाइश चल रही है। अगर इनमें से किसी के नाम पर सहमति नहीं बनती है तो भाजपा आलाकमान सहमति बनाने के लिए कोई नया नाम भी आगे कर सकती है।